राज्य की संयुक्त स्कूली हाकी टीम की चयन प्रक्रिया चल रही थी । विभिन्न जिलों से 5 लड़कों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था । उनमें से सोलह लड़कों का चयन राष्ट्रीय स्कूल स्पर्द्धा के लिए किया जाना था । सभी खिलाड़यों को तीन टीमों मे बाँटा गया था जिनको आपस में मैच खेलकर अपने कौशल का प्रदर्शन करना था । मुख्य कोच रहमान क़ुरैशी, स्कूल शिक्षा के मुख्य खेल अधिकारी रत्ती लाल यादव और शासन के खेल विभाग के प्रतिनिधि वामनराव नागपुरे को अंतिम सोलह खिलाड़ियों के चयन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी ।
मैचों की समाप्ति के बाद सभी चयनकर्ता स्टेडियम की केंटीन में मिले । वामनराव ने अपनी जेब से एक पर्चा निकाला और टेबल पर रखते हुए बोले – “खेल मंत्री जी के यहाँ से दो लड़कों के नाम आए हैं – भुवनेश कुमार और सुशील चौकसे .. दोनों उनके क्षेत्र के हैं”
“ठीक है .. मंत्री जी ने कहा है ,तो दोनों को टीम मे लेना ही पड़ेगा” – रहमान बोले । यादव जी ने भी सहमति मे सिर हिलाया ।
“एक नाम स्पोर्ट्स डायरेक्टर आशीष सिंह ने भी दिया है.. उनके किसी रिश्तेदार का बेटा है परीक्षित सिंह” – वामनराव बोले ।
“इनका भी नाम लिख लो” – रहमान ने कहा ।
“सर दो नाम स्कूल शिंक्षा के सचिव और ज्वाइन डायरेक्टर साब ने दिए हैं ” – रत्ती लाल यादव ने नामों की पर्ची सबके सामने रखी । उनका भी चयन निर्विरोध हो गया ।
“ट्रेज़री के बाबू शेषराव गजभिए के बेटे भीम राव को भी लेना पड़ेगा टीम में.. वरना हमारे बिल भी पास नहीं होंगे .. अड़ंगेबाजी होती रहेगी” – रत्तीराम ने पुराने अनुभव के आधार पर अपनी बात रखी | बात में दम था सो सबने तुरंत मान ली |
“छह लोगो का चयन तो हो ही चुका है..एक नाम डॉक्टर साब से ले लेते है और शेष बचे नौ लोगों मे तीन-तीन लोगो के नाम हम आपस मे फ़ायनल कर लेते हैं” – रहमान का यह सुझाव सभी को पसंद आया ।
डॉक्टर साब ने फोन पर अपने पसंदीदा खिलाड़ी का नाम नोट करा दिया ।
रत्ती लाल ने अपनी जाति के तीन नाम तय कर लिये .. वामनराव ने भी अपने दो रिश्तेदारों तथा कालोनी के एक लड़के का नाम समिति के सामने रखा । रहमान ने एक मुस्लिम तथा दो सबसे कमसिन छोकरों के नाम रखे । टीम का चयन हो गया। सबने हस्ताक्षर किए और एक स्टेटमेण्ट जारी किया । अपनी टीम पर एक भी गोल न होने देनेवाले तथा सबसे विश्वसनीय गोलकीपर के रूप में उभरे पी रंगनाथ को मेडिकली अनफ़िट होने के कारण नहीं चुना जा सका | सबसे ज्यादा गोल दागने वाले प्रभजोत सिंह भी अनुशासनहीनता के कारण टीम का हिस्सा नहीं बन सके | उनके विरुद्ध सर्वसम्मति से उचित कार्यवाही करने हेतु प्रकरण डायरेक्टर स्कूल शिक्षा को भेजने की अनुशंसा की गई |
अरुण अर्णव खरे-डी-1/35 दानिश नगर,होशंगबाद रोड, भोपाल (म०प्र०) -462026
मोबा० 9893007744 ई मेल : arunarnaw@gmail.com