कथादेश पुरस्कृत लघुकथाएँ
‘कथादेश’ का साहित्य की विभिन्न विधाओं और अभिव्यक्ति के विविध रूपों के विकास में योगदान रहा है; लेकिन इस पत्रिका के माध्यम से ‘लघुकथा’ को व्यापक जनसमूह से जोड़ने की प्रक्रिया (अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा...
View Articleसीढ़ी
शेखर बाबू की पदोन्नति पिछले कई वर्षों से रुकी हुई थी। लेकिन एक दिन करिश्मा कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें सिर्फ पदोन्नति ही नहीं मिली, स्थिति पीड़ित होने के कारण लिफ्ट देकर आफिस सुपरिटेंडेंट भी बना दिया गया।...
View Articleतीसरा बेटा
घबराई हुई वृद्धा, हृदयाघात से कराहते, पसीने-पसीने होते पति को रिक्शे में डाल निजी चिकित्सालय में लाई। स्ट्रेचर लाए जाने में होते विलम्ब को देख दुःख की उस घड़ी में भी वह झल्ला पड़ी। जब रोगी को...
View Articleव्यथा-कथा
नगर-निगम का स्कूल रोज की तरह चल रहा था। एक दिन एक इंस्पेक्टर ने आकर कक्षाओं का मुआयना किया।चौथी कक्षा में जाकर उसने पूछा, “सर्दियों में कौन-से कपड़े पहनने चाहिए?”इस पर कुछ हाथ खड़े हुए, कुछ बुझी आँखें...
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Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh We received a wedding invitation from Hoshiarpur. It was decided to travel by Shan-e-Punjab. Winter had started knocking lightly, so I thought...
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