Quantcast
Channel: लघुकथा
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2466

गहाई

$
0
0

वह अपने मित्र के साथ बातों में मशगूल था, तभी आवाज़ आई पोस्ट मेन, उसने जाकर डाक ली। मित्र को यह देखकर आश्चर्य हुआ  “तुम्हारे पास अभी पोस्ट कार्ड आते हैं।” 

उसने जवाब दिया “मेरी माँ यह पत्र भेजती हैं,” तब उसकी आँखें और भी चौड़ी हो गई “मोबाइल के जमाने में माँ तुम्हें पत्र भेजती हैं?”

” तुझे पूरी कहानी सुनाता हूँ। पिता जी के चल बसने के बाद हम गांव के खेत बेचना चाहते थे परंतु माँ तैयार नहीं हुई, हमने खेती बंटाई पर देनी चाही पर हरवाये काका का जीवन आड़े आ गया। उनसे कहा काका तुम बंटाई पर खेत जोत लो, काका ने जवाब दिया, हम लागत नहीं लगा सकते भईया। निर्णय हुआ कि जमीन माँ की, लागत हमारी और मेहनत काका की ,उपज के तीन हिस्से होंगे। लगातार संपर्क के लिए मोबाइल देना चाहा, परंतु काका और माँ दोनों ने मना कर दिया। माँ तीसरी पास थीं, उन्होंने कहा कोई काम होगा तो हम चिट्ठी भेज  दिया करेंगे, तब से यह सिलसिला जारी है, देखो तुम्हें बताता हूँ।”  वह सभी पत्र उठा लाया। 

देखो यह 15 अक्तूबर  का पत्र “भईया गाय के बछिया हुई है, बड़ी प्यारी है। तुम लोगों की याद आती है, बचपन में तुम लोग श्यामा के साथ आंगन में खेलते थे।”

यह 10 नवम्बर की “भईया बोनी को टेम हो गओ,काका की तैयारी है, खाद बीज को इंतज़ाम करो।”

यह 15 दिसम्बर की “पूरे खेत हरिया रहे, ठंड बहुत पड़ रही है, काका को दो कम्बल भिजवा दो।”

यह 12 जनवरी की  “भईया चना फर गये हैं, एक आध दिन आ जाओ हम भी तुम्हारे साथ बूंट-होरे खा लेहें।”

“हम लोग गये थे,यह देखो फोटो” और मोबाइल पर फोटो दिखाने लगा, “बहुत अच्छी फसल हुई है, बच्चों की अच्छी पिकनिक हो गई यह देखो, बच्चे बछिया को कितना प्यार कर रहे पूरा वीडियो बनाया है।”

यह 15 फरवरी की ” बछिया मर गई भईया,  गाय छुटा गई।” 

यह देखो 20 मार्च  की “भईया होरी पर तो आये नहीं, फसल कटाई को तैयार है, जल्दी व्यवस्था करो, पानी बूंद को भरोसा नहीं है।” 

“अब जाऊंगा फसल कटवाने। देखो क्या खबर दी है माँ ने।”

आज आई चिट्ठी पढने लगा, “भईया नहीं आ पा रहे तो नहीं आओ ओला पानी में फसल तो बरबाद हो गई। सब बिछ गई, बालों से दाने झर गये,अब हारभेस्टर को काम नहीं है।” 

मोती से अक्षरों पर यह बूंद का निशान कैसा है, जिससे स्याही फैल गई।   

“मार्च क्लोजिंग के चक्कर में जा नहीं पाया, और यहाँ पर पूरी क्लोजिंग हो गई।” 

“एक और कार्ड है, अरे यह काका ने लिखवाया है किसी से।”

“क्या लिखा है?”

एक ही लाइन है “भइया संदेशों खेती नहीं होत है।”

-0-


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2466

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>