भोला बक्श इंटर कॉलेज में आज प्राचार्य गौरी शंकर त्रिवेदी, उपाचार्य बिंदा सिंह (ठाकुर साहब), अध्यापक हरीराम मिश्र, त्रिपाठी जी, शिवचरण दीक्षित, अंबिका शर्मा और गंगाप्रसाद सब एक कतार में। समभाव सम्मान हेतु विराजमान हुए। गुरू महिमा के श्लोक मधुर आवाज में विद्यालय प्रांगण को दैवीय बना रहे थे।
सभी कार्यों हेतु अलग-अलग बच्चों को नामित किया गया था। किसी ने चंदन लगाया किसी ने पुष्पहार से गुरुवंदन किया। समापन बदरी परधान के पोते अंकुर को सभी गुरुजनों के चरण स्पर्श के साथ करना तय था।
प्रिंसिपल ने आशीर्वाद दिया। उपाचार्य ने सिर पर हाथ रखा। किसी ने दीर्घजीवी, और किसी ने सद्मनुष्य होने की शुभकामनाएं दीं। गंगाप्रसाद भावविभोर हो रहे थे। अश्रु पूरित नेत्रों से अंकुर को अशीषने के लिए शब्द अनुसंधान करने लगे।
अंकुर आगे बढ़ा, झुका कि पीछे से आवाज़ आई
..ssहंहं नमस्तेss नमस्ते करो…
उनके पैर नहीं छुए जाते।
श्लोक चल रहा था..
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वर: …।
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