लघुकथाएँ
कुलदीप जैन (03-01-1953 – 31-07-2022) की पुण्य स्मृति में 1-शोषण-मुक्ति पिता ने बीड़ी का आखिरी कश लेकर धुआँ निकालना चाहा, लेकिन वह बुझ चुकी थी। लिहाजा हाथ बढ़ाकर उन्होंने बीड़ी के टुकड़े को बेरहमी से मसल...
View Articleকাশিবাস/ काशिवास
গিরীশ পঙ্কজ/ गिरीश पंकज কাশিবাস/ काशिवास अनुवाद/অনুবাদ –বেবী সিং কারফরমা/*बेबी सिंह कारफरमा* বয়স্ক পিতা একদিন বলল, “ পুত্র শ্রবণ, কিছুদিন কাশীবাস করতে চাইছিলাম” পুত্র খুব খুশি হল, স্ত্রীর চাপে সেও...
View Articleलघुकथाओं पर लघु फ़िल्म का निर्माण।
रंगकर्मी अनिल पतंग द्वारा निरंतर विभिन्न लघुकथाओं पर लघु फ़िल्म का निर्माण। फ़िल्म्स उनके यू टयूब चैनल पर देखी जा सकती हैं। हाल ही में उनके द्वारा ‘अथ विकास कथा’ पर निर्मित लघु फ़िल्म क़ा लिंक –
View Articleनई पुस्तक
तालाबंदी(कोरोना काल में लिखी गईं लघुकथाओं का संकलन) सम्पादक: सुरेश सौरभ, श्वेतवारना प्रकाशन, लोक नायक पुरम, नई दिल्ली-110041, संस्करण : प्रथम 2021, मूल्य : 199/- पृष्ठ: 120
View ArticleSelf vs. Other
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh “In which school do you teach?” “I teach at Public Welfare School. Why? Do you have some work?” “Yes, my boy has to enroll in a school.” “Then...
View ArticleIdentity
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh My article was respectfully published in a reputed magazine. I turned to the page of the magazine featuring my article with delight,...
View Articleफाँक
शाम को बेटा जैसे ही लौटा, घर आम की खुशबू से महक उठा। कमला जी ने झट पूछा- ” दशहरी ले आए क्या ?” तो बेटे की ” अं… आं…” को काटकर बहू तपाक से बोली ” नहीं तो अम्मा !” पर उन्होंने बहू को झट-से झोला लेकर अंदर...
View Articleअंशमात्र
एक बार मैंने दुख से पूछा, ‘‘क्यों आते हो मेरे जीवन में हलचल मचाने?’’ दुख ने कहा- ‘‘तुम्हारी परीक्षा लेने।’’ फिर एक दिन मैंने सुख से पूछा, ‘‘क्यों तुम बार–बार आते हो आकर वापस चले जाते हो?’’ सुख ने कहा,...
View Articleদৃষ্টিকোণের পরিবর্তন
लेखिका ডক্টর উপমা শর্মা/ डॉक्टर उपमा शर्मा, अनुवाद–বেবী সিং কারফরমা সকাল সকাল পুজোর ফুল তুলতে গিয়ে মিনু মায়ের আওয়াজে ফুল তোলা বন্ধ করে দিল। মা রাগে চিৎকার করছিল। প্রতি বারের মতো এবারেরও নিশানা সেই...
View Articleकथादेश,संरचना-13, लघुकथाःबहस के चौराहे पर
कथादेश अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-13 में पुरस्कृत लघुकथाएँ, संरचना-13-वार्षिकांकः2020 (सम्पादक -कमल चोपड़ा), मूल्यः100 रुपये, पृष्ठः312,संरचना,1600/114, त्रिनगर दिल्ली-110035 योगराज प्रभाकर द्वारा...
View Articleडॉ. सतीशराज पुष्करणा : लघुकथा के पुरोधा
जब हम हिन्दी लघुकथा पर विचार करते हैं, तो आधुनिक लघुकथा के बीज हम भारतेन्दु हरिश्चंद्र की लघुकथाओं में पाते हैं। 1874 ई. का वह समय जब हमारा देश परतंत्रता का संकट झेल रहा था, उस समय की स्थितियों एवं...
View Articleलघुकथाएँ
1-आदमी का दर्द धन्नो को याद आता है, ऐसा ही कुछ साल पहले भी हुआ था। रंग-बिरंगे झण्डे, ढेर सारे रिक्शे, जीपें और कारें! ऐलान करती, सरपट भागती। माइको से बतियाते, चीखते-चिंघाड़ते लोग।...
View Articleलघुकथा समय का दृष्टिसंपन्न लघुकथाकार –रवि प्रभाकर
एक चेहरा जिसके व्यक्तित्त्व अथवा कृतित्व पर लिखना एक समान है। वह चेहरा रवि प्रभाकर का है। रवि प्रभाकर जितने वाक्पटु थे उतने ही समृद्ध लघुकथाकार भी। उनकी बातें अर्थवान होती थीं। शब्दों को तौलकर बोलना...
View Articleस्माइल प्लीज़
फोटोग्राफर ने कैमरे के बटन पर आहिस्ता से उँगली रखी। सेकेंड से भी कम समय के लिए जिन्दगी में कभी न हँस पाने वाले साठ वर्ष पुराने चेहरे पर मुस्कान की रेखाएँ उभर आईं। लेकिन, दूसरे ही पल उनका चेहरा पूर्ववत्...
View Articleशिक्षक दिवस
भोला बक्श इंटर कॉलेज में आज प्राचार्य गौरी शंकर त्रिवेदी, उपाचार्य बिंदा सिंह (ठाकुर साहब), अध्यापक हरीराम मिश्र, त्रिपाठी जी, शिवचरण दीक्षित, अंबिका शर्मा और गंगाप्रसाद सब एक कतार में। समभाव सम्मान...
View Articleआत्मघात
कुल्हाड़ा चलाते–चलाते आदी ने माथे पर चुहचुहा आया पसीना पोंछा। थके शरीर को विश्राम देने की इच्छा से वह समीप के एक छायादार वृक्ष के नीचे बैठकर सुस्ताने लगा। थोड़ी देर में उसे सुकून का एहसास हुआ। अब वह...
View Articleरेन डांस
आज मिसेज बाधवा की नींद सुबह काफी देने होने के बाद भी पूरी नहीं हो रही थी। कॉल बेल की आवाज से सिर में दर्द होने लगा था। देर रात चली रेन डाँस पार्टी की थकान पूरी तरह उतरी नहीं थी। आँखों को मलते हुए...
View Articleबन्द
झुग्गी–झोपड़ी में शिक्षा का अलग जगाने का हमारा मिशन पूरे जोरों पर था। नन्हें मुन्नों को देने के लिए कुछ बिस्कुट और चाक–स्लेट लेकर मैं घर से निकल पड़ा। घर से निकलते हुए मेरे अधरों पर प्रसन्नता की स्मित...
View Articleविश्वास
‘‘सैमुएल की बीमारी क्या है, जानते हो?’’ सैमुएल के शुभचिन्तक विलिम्स ने एक अन्य शुभचिन्तक जॉन मथाई से कहा। ‘‘मुझे नहीं मालूम। हाँ, इतना जरूर जानता हूँ कि डॉक्टर तक यह नहीं जान सके हैं कि उसे कौन–सी...
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