ब्रज अनुवाद; रश्मि विभा त्रिपाठी
बानैं उच्च अधिकारी के सामुहैं जे तरक धरौ कि बाकी नैंसुक लली बीमार अहै, जा मारैं बाके आछे ह्वैबे लौं बाकी बदली के आदेस रोकि दए जावैं पै बाकौ जे निहोरौ मानौ नाहिं गयौ अरु आइसु भई कि सात दिना भीतर चारज सँभारि लै।
सिग विधि सौं निरास ह्वै जाइबे पै बु अवर अभियंता माल असबाब सहित अनचीन्हे नगर तन गवन कीन्हौ। भली बिवस्था हैबे लौं बानैं काऊ धरमसाला में रुकिबौ आछौ समुझौ। वाही राति बाकी लली की तबीयति औरु बिगरि गई। डागडर नैं सुई दवाई के नाँउ पै डेढ़ सौ कौ बिल बैठारि दयौ। भुरारौ होत- होत लली अंतिम साँस गिनन लगी अरु अस्पताल पहुँचिबे तैं आगैं ई बानैं दम टोरि दयौ। मरघटा लौं लै जाइबे के लएँ रिकसा बारे नैं 25 रुपैया ऐंठि लए, जदपि नदी लौं पहुँचिबे में कर्रई सौं 20 मिनट लगत हुते। जे सिग इत्ती चटपटी सौं भयौ कि बु अपुनी ड्यूटी कौ चारज ऊ नाहिं सँभारि सकौ।
जा घटना कौं बरसनि बीति चुके। आजु बु एकु लला अरु लली कौ बापु अहै अरु अधिशासी अभियंता के पद पै पहुँचि गयौ अहै। बातैं ऊ बड़ी बात जे अहै कि बु बहुरि अपुने ई नगर बीच आइ गयौ अहै। अगारी जा पद पै बाकौ पहले बारौ मालिक हुतो, जाइ भ्रष्टाचार के अपराध में निलम्बित करि दीन्हौ गयौ अहै। बाके विरुध जो जाँच सभा बैठी अहै, बामैं बाकौं ऊ समुहायौ गयौ अहै।
बाके जी आई कि अपुने मालिक के विरुध कर्रे तैं कर्रौ मतौ प्रगटै, काए सौं बिन दिनन बाकी बदली करवाइबे मैं जाई नैं खासौ उमाह दिखरायौ हुतो। जबैं बानैं अपुनी जनी कौं जे बात बताई तौ बानैं कही-अगारी जे जोहि लेउ, बाकी कोऊ लली बीमार तौ नाहिं हति!
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