Quantcast
Channel: लघुकथा
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2506

हत्यारे

$
0
0

नई बसी कॉलोनी में मि.सिंह के घर के सामने आम का वृक्ष लगा था। आम का वृक्ष बहुत पुराना था। वसंत ऋतु के दिनों में पूरा वृक्ष बौर से भर गया। उसमें अनेक पक्षियों के घोसलें बने थे,बैसाख के आखिरी दिनों में पूरा वृक्ष हरे आम के फलों से लदा हुआ था।

जब से मि.सिंह घर में रहने आए थे तब से यह वृक्ष उनकी आँखों में खटक रहा था। वे अपने पड़ोसियों से आए दिन कहते रहते कि जब आम बड़े होगें ,तो लोग आम तोड़ने के लिए पत्थर मारेंगें ,जिससे मेरे घर की खिड़कियों के काँच टूट जाएँगे। एक दिन मौका देखकर उन्होंने आम का वृक्ष कटवाना शुरू कर दिया। जब तक लोग विरोध करते तब तक वृक्ष ठूँठ में तब्दील हो गया। बेशर्मी की हद तो इतनी कि वो उस ठूँठ को भी खोदकर उसमें अंगारे भर रहे थे,ताकि किसी भी हालत में वहाँ नई पौधा न पनप सके।

वृक्ष के कट जाने से पक्षियों के घोसले नष्ट हो गए, दिन भर कोयल की कुहू- कुहू व पक्षियों के कलरव से जो आनंद हम कॉलोनी वासियों को मिलता था,उससे हम सभी वंचित हो गए ।

आजकल मि-सिंह वहाँ अपनी नई कार खड़ी करते हैं।

-0- माँ नर्मदे नगर, म.न.12,फेज-1,बिलहरी,जबलपुर (म प्र)


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2506


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>