Quantcast
Channel: लघुकथा
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2466

पल-पल

$
0
0

सुबह आठ बजेः

            विरार चर्चगेट लोकल ट्रेन में धक्का-मुक्की और शोर-शराबे के बीच वृद्ध मिस्टर अल्मेडा सारे डिब्बे में चॉकलेट बाँटकर शुभकामनाएँ बटोर रहे थे।

            उनका जन्मदिन मनाने वाले सहयात्री रोज विरार से चर्चगेट तक की यात्रा करते थे। नरेश ने अपना पार्कर पेन मिस्टर अल्मेडा की शर्ट की जेब में लगा दिया। बरसों पहले दुर्घटना में अपना परिवार खो चुके मिस्टर अल्मेडा की आँखों में आँसू भर आए। उन्होंने नरेश को गले से लगा लिया।

दोपहर बारह बजेः

            दफ्तर में नरेश के साथ काम करने वाली रीता प्रेगनेंट थी। नरेश ने जल्दी से अपनी फाइलें निपटाईं। ‘‘तुम्हें आराम की जरूरत है’’ बोलकर रीता का काम खुद करने बैठ गया।

शाम चार बजेः

            बॉस की बीबी शाम की शिफ्ट में काम करती थी, इसलिए बॉस के बच्चे छुट्टी के बाद ऑफिस आ  जाते थे। नरेश बच्चों को आइसक्रीम खिलाने ले गया और घुलमिलकर अगले रविवार चिड़ियाघर जाने का कार्यक्रम बना डाला।

रात आठ बजेः

            थक-हार कर नरेश घर लौटा। बूढ़े पिता की खाँसी की आवाज सुनकर उसने गालियों की बौछार कर दी। पत्नी ने खाना लगाया। ‘‘नमक कम है’’ कहकर खाना दीवार पर दे मारा। बच्चे कार्टून देखकर खिलखिला रहे थे। ‘‘कितना शोर मचाते हैं?’’ चिल्लाते हुए दो थप्पड़ बच्चों को लगाए। बच्चे सहमकर खामोश हो गए। पूर्ण शान्ति के साथ नरेश सोने चला गया।

-0-


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2466

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>