मूल्यांकन परिणाम : स्वर्ण जयंती समकालीन लघुकथा प्रतियोगिता-2021
अविराम साहित्यिकी द्वारा आयोजित ‘स्वर्ण जयंती समकालीन लघुकथा प्रतियोगिता-2021’ के सभी प्रतिभागियों और मूल्यांकनकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए आज दिनांक 02.06.2021 को प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया जा रहा है। नियमानुसार प्रतिभागिता करने वाले लघुकथाकारों की संख्या 78 है, जिनकी सूची फेसबुक समूह ‘लघुकथा स्वर्ण जयंती आयोजन’ पर सार्वजनिक कर दी गई है। मूल्यांकनकर्ताओं की चार श्रेणियाँ थीं- वरिष्ठ लघुकथाकार, वरिष्ठ लघुकथा समालोचक, सामान्य पाठक एवं अविराम साहित्यिकी की संपादकीय टीम। प्रत्येक श्रेणी में दो-दो सदस्य थे। इस प्रकार मूल्यांकन कार्य कुल आठ साथियों के द्वारा किया गया है। ये आठ साथी हैं क्रमशः सम्माननीय श्री रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, श्री मधुदीप, प्रो. बी. एल. आच्छा, डॉ. जितेन्द्र जीतू, श्री राकेश कुमार मिश्रा, कु. शिवांगी नायक, डॉ. सुरेश पाण्डेय सपन एवं डॉ. उमेश महादोषी। मूल्यांकन प्रक्रिया नियमावली में बताये गये अनुसार ही पूरी की गयी है। यहाँ इतना बताना काफी है कि किसी भी मूल्यांकनकर्ता के समक्ष लघुकथाकारों के नाम एवं लघुकथाओं के शीर्षक नहीं थे।
मित्रो! किसी भी प्रतियोगिता में जो छोटे-छोटे पुरस्कार रखे जाते हैं, उनके लिए कुछ नियमों के अधीन चयन करना पड़ता है। किन्तु पुरस्कार से अधिक महत्त्वपूर्ण होता है विधा और उसमें हो रहे लेखन के स्तर और विधा के समग्र परिवेश को समझना। यही हमारा घोषित उद्देश्य भी था। इसी दृष्टि से इस और सभी प्रतियोगिताओं को समझना चाहिए। इस सन्दर्भ में हम भी प्रतियोगिता का विश्लेषण करेंगे और यदि उचित प्रतीत हुआ तो अपनी बात भविष्य में किसी अवसर पर आपके साथ साझा करने का प्रयास करेंगे। फिलहाल कोरोना जनित हालात के दृष्टिगत प्रतियोगिता की आंशिक सूची ही इस पोस्ट के माध्यम से साझा करना उचित लग रहा है। व्यक्तिगत परिणाम ई मेल द्वारा सभी प्रतिभागियों को आज से आरम्भ करके दो-तीन दिन में भेज दिया जायेगा। यहाँ जो सूची दी जा रही हैं, उनमें सभी मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा प्रदत्त अंकों को दोनों लघुकथाओं के आधार पर लघुकथाकार श्रेणी के लिए 80 अंकों में से और लघुकथा श्रेणी के लिए 40 अंकों में से दर्शाया गया है। यदि किसी प्रकार की कोई अन्य स्थिति सामने नहीं आती है, तो इन सूचियों में से डॉ. संध्या तिवारी जी व ज्योत्स्ना कपिल जी को (हमारी टीम का हिस्सा होने के कारण) छोड़कर सर्वोच्च अंक पाने वाले पहले पाँच लघुकथाकारों और पहली पाँच लघुकथाओं को विजेता घोषित कर दिया जायेगा। यह घोषणा 15 से 20 जून के मध्य किसी तिथि को की जायेगी। पुरुस्कार की दोनों सूचियाँ इस प्रकार हैं।
- सर्वोच्च अंक प्राप्त लघुकथाकार – प्राप्तांक अनुक्रम में (दोनों लघुकथाओं के आधार पर 80 में से 44 या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले)
- श्री विरेंदर ‘वीर’ मेहता (49.75)
- डॉ. संध्या तिवारी (48.85)
- डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी (48.20)
- सुश्री प्रभा मुजुमदार (48.05)
- डॉ. कुमार सम्भव जोशी (48.00)
- श्री सदानंद कवीश्वर (47.35)
- डा. उपमा शर्मा (47.30)
- सुश्री अंकिता भार्गव (47.20)
- सुश्री ज्योत्स्ना ‘कपिल’ (47.10)
- सुश्री भारती कुमारी (47.05)
- सुश्री सविता इन्द्र गुप्ता (46.85)
- डॉ. शैल चन्द्रा (46.45)
- डॉ. संगीता गाँधी (45.50)
- सुश्री मीनू खरे (45.15)
- ड़ा. नीना छिब्बर (45.10)
- सुषमा सिंह चुण्डावत (45.05)
- अवंती श्रीवास्तव (44.85)
- डॉ. क्षमा सिसोदिया (44.70)
- प्रतिभा पाण्डे (44.55़)
- पदम गोधा (44.50)
- प्रदीप मिश्र (44.25)
सर्वोच्च अंक प्राप्त लघुकथाएँ – प्राप्तांक अनुक्रम/समान प्राप्तांक की स्थिति में रचना प्राप्ति के अनुक्रम में (40 में से 24 या इससे अधिक अंक वाली लघुकथाएँ)
- भारती कुमारी – …अब सब ठीक है (26.75)
- विरेंदर ‘वीर’ मेहता – अंतिम रास्ता (25.85)
- डॉ. कुमार सम्भव जोशी – खाली हाथ (25.75)
- मीनू खरे – कई मौसमों की स्त्री (25.50)
- डॉ. संगीता गाँधी – सामयिक संरक्षण (25.25़)
- डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी – रईस कॉलोनियाँ चीखती नहीं (25.25)
- मधु जैन – खारी बूँदें (25.25)
- डॉ. संध्या तिवारी – अंझा (24.95)
- डॉ. नीना छिब्बर – कंधा (24.85)
- सदानंद कवीश्वर – बाकी पैसे (24.80)
- सविता इन्द्र गुप्ता – शाम का भूला (24.65)
- सुरेश बाबू मिश्रा – अपराध बोध (24.40)
- प्रगति गुप्ता – मैं ठगा उसको निहारता (24.25)
- दिव्या शर्मा – मैं सपने देखती हूँ (24.25)
- सविता मिश्रा ‘अक्षजा’ – बीमार की डायरी (24.25)
- ज्योत्स्ना ‘कपिल’ – सही कदम (24.20)
- प्रभा मुजुमदार – जख्म (24.05)
- नीलिमा शर्मा – जोड़े से (24.05)
- प्रभा मुजुमदार – समय (24.00)
- महिमा श्रीवास्तव वर्मा – रेप अनवरत (24.00)
- अंकिता भार्गव – तमाचा (24.00)
अविराम साहित्यिकी द्वारा आयोजित ‘स्वर्ण जयंती समकालीन लघुकथा प्रतियोगिता-2021 में लघुकथाकार श्रेणी में दोनों लघुकथाओं के प्राप्तांकों के आधार पर विजेता लघुकथाकार इस प्रकार हैं-
श्री विरेंदर ‘वीर’ मेहता – प्रथम (रु. 3000/- मात्र), डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी – द्वितीय (रु. 2500/- मात्र), सुश्री प्रभा मुजुमदार – तृतीय (रु. 2000/- मात्र), डॉ. कुमार सम्भव जोशी – चतुर्थ (रु. 1000/- मात्र)व श्री सदानंद कवीश्वर – पंचम (रु. 1000/- मात्र)।
मूल्यांकन में द्वितीय स्थान पर रही डॉ. संध्या तिवारी संपादक मण्डल की सदस्य होने के कारण नियमानुसार पुरस्कार की पात्र नहीं मानी गईं। परिणामस्वरूप पुरस्कार-क्रम को आगे बढ़ा दिया गया।
इस प्रतियोगिता में व्यक्तिगत लघुकथाओं के मूल्यांकन में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर विजेता बनी लघुकथाएँ इस प्रकार हैं-
भारती कुमारी की लघुकथा ‘…अब सब ठीक है’ – प्रथम (रु. 3000/- मात्र),विरेंदर ‘वीर’ मेहता की ‘अंतिम रास्ता’ – द्वितीय (रु. 2500/- मात्र), डॉ. कुमार सम्भव जोशी की लघुकथा ‘खाली हाथ’ – तृतीय (रु. 2000/- मात्र), सुश्री मीनू खरे की लघुकथा ‘कई मौसमों की स्त्री’ – चतुर्थ (रु. 1000/- मात्र) एवं डॉ. संगीता गाँधी की लघुकथा ‘सामयिक संरक्षण’ – पंचम (रु. 1000/- मात्र)।