Quantcast
Channel: लघुकथा
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2466

असली कोयल

$
0
0

अनुवाद/ बेबी कारफरमा

[लेखक परिचय – स्वप्नमय चक्रबर्ती पश्चिम  बंगाल के एक प्रसिद्ध लेखक है . सन् 2023 में ‘जलेर उपर पानी ’ पुस्तक के लिए    साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला ]

स्वप्नमय चक्रबर्ती

अभी टूरिज़्मजम कम्पनी वालों ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है; क्योंकि वर्ष भर इको ट्यूरिज्म , एजूकेशन ट्यूरिज्म, हेल्थ ट्यूरिज्म, एथनिक ट्यूरिज्म का व्यवसाय चलता ही रहता है.

एक रिज़ॉर्ट पर ट्यूरिज्म का मेला लगा हुआ था। थीम था ‘बसंत का मौसम’। रिज़ॉर्ट  के अंदर घासफूस से छोटी  छोटी झोंपड़ियाँ  बनाई हुई थी . झोंपड़ियों में ए.सी. चल रहे थे  कुछ आधुनिक किस्म की लड़कियाँ बिना ब्लाउज पहने हुए पाड़ वाली ताँत की साड़ियाँ पहनकर ढेंका चला रही थीं। बाहर पलाश के पेड़ों को भी अच्छी से सजाया गया था। उन पेड़ों पर प्लास्टिक के नकली फूल भी खिले हुए थे।  रिज़ॉर्ट की कृत्रिम झील में पेडल मारकर चलने वाली बोट  और बत्तखें  भी तैर  रही थीं। कुछ पेड़ों के बीच साऊण्ड बॉक्स लगाए गए थे।. साऊण्ड बॉक्स से कोयल की ‘कुहू-कुहू-कुहू‘ की मीठी आवाज भी सुनाई पड़ रही थी। मध्यम रात्रि के समय तीन बार लोमड़ी की आवाज भी सुनाई देती है। रात्रि के समय बिजली के द्वारा जुगनू भी चमक रहे थे। मतलब यह है की कम्प्यूटर  से सारा कार्यक्रम सेट किया हुआ था। सुबह के समय कम और सायंयकाल  को कोयल की  मीठी आवाज़ सुनाई दे रही थी।  केवल दोपहर के समय की कोयल की कुहुक सुनाई नहीं देती थी;  क्योंकि यह समय कोयल के सोने का होता है।

एक दिन अचानक दोहपर के समय  जोर-जोर से कोयल की कुहू-कुहू की आवाज रिसोर्ट में गूँज उठी। फिर क्या था रिज़ॉर्ट में अफरा-तफ़री मच गई।. कम्प्यूटर  इंचार्ज मधुबन्ती को बुलाया गया। एक्सपर्ट मधुबन्ती भी परेशान हो गई। सिस्टम में गलती कैसे आ गई। उसने बार-बार सिस्टम की जाँच की। एकबार बनाए गये सिस्टम को बन्द करके भी देखा फिर भी कोयल की आवाज आती ही गई।
अरे! कितना सर्वनाश हो गया! उस कृत्रिम बगीचे में एक असली कोयल प्रहरियों की आँख बचाकर घुस गई थी।
-0-
कलकाता , पश्चिम बंगाल,भारत , मोबाइल- 9432492217, 6291955060 

अनुवादक-बेबी कारफरमा


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2466

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>