
अमृतसर: मिन्नी कहानी लेखक मंच (रजि.) द्वारा लोक मंच पंजाब, ऑल इंडिया पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसाइटी (रजि.) और इदारा ‘मिन्नी’ के सहयोग से भगत पूरन सिंह पिंगलवाड़ा, मानांवाला (अमृतसर) में दो दिवसीय 30 वाँ अंतरराज्यीय लघुकथा सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें देश-विदेश के विभिन्न स्थानों दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और नेपाल के लघुकथाकारों के अलावा पंजाब के साहित्यकारों ने भाग लिया। पहले दिन के उद्घाटन सत्र में डॉ. मनजिंदर सिंह, अध्यक्ष, पंजाबी विभाग, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि डॉ. लखविंदर जोहल, पूर्व अध्यक्ष पंजाबी साहित्य अकादमी और डॉ. हरजिंदर सिंह अटवाल, महासचिव, पंजाब राइटर्स कोऑपरेटिव सोसायटी के ने अध्यक्षता की। मंच के अध्यक्ष डॉ.श्याम सुंदर दीप्ति ने स्वागत भाषण दिया और पंजाबी मिन्नी कहानी और अंतरराज्यीय लघुकथा सम्मेलनों के इतिहास पर प्रकाश डाला। मंच के महासचिव जगदीश राय कुलरियाँ ने इस दो दिवसीय आयोजन की रूपरेखा साँझा की। इसके बाद युवा आलोचक प्रो. गुरदीप ढिल्लों ने ‘पंजाबी मिन्नी कहानी की अकादमिक यात्रा’ पर पेपर पढ़ा और मिन्नी कहानी के इतिहास से लेकर आज तक इसकी प्रासंगिकता पर गहन विचार रखे। डॉ. अशोक भाटिया ने इस पेपर के सन्दर्भ में बोलते हुए हिन्दी लघुकथा के विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी। डॉ. मनजिंदर सिंह ने खलील जिब्रान और अन्य दार्शनिकों के बारे में बात करते हुए लघुकथा के महत्व पर प्रकाश डाला और साहित्य में इसके योगदान के बारे में बताया। डॉ. लखविंदर जोहल ने कहा कि मिन्नी कहानी की यह क्षमता है कि इसे लगातार पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा रहा है। उन्होंने लेखकों को गुणवत्तापूर्ण रचनाएँ लिखने के लिए गहन अध्ययन करने की भी सलाह दी। डॉ. हरजिंदर सिंह अटवाल ने कहा कि इस विधा में हो रहे संगठनात्मक कार्य इसे आगे बढ़ा रहे हैं।उन्होंने इसके लिए पूरी टीम को बधाई दी। इस सत्र में ‘मिन्नी ‘ पत्रिका का नया अंक, ‘मेला’ (संपादक: राजिंदर माज़ी), ‘अपनी आवाज’ (संपादक: सुरिंदर सिंह सुन्नर, डॉ. लखविंदर जोहल), ‘शब्द त्रिंजन’ (मंगत कुलजिंद) और मिन्नी कहानी संग्रह ‘सुक्रात दी पेशी’ (डॉ. श्याम सुंदर दीप्ति), ‘शबदां दे रखवाले ‘ (डॉ. दीप्ति, कुलरिया, कौशल), ‘ठंडी अग्ग ‘ (सीमा वर्मा), ‘मनमर्जी दे दिन ‘ (डॉ. दीप्ति) , ‘खुह दी आवाज’ (परगट सिंह जंबर), ‘रूह दियां तंदा ‘ (दर्शन सिंह बरेटा) ‘किरदी जवानी-2’ (संपादक: डॉ. हरजिंदरपाल कौर कंग) और पुस्तक ‘बातां ते बिरतान्त’ (सुरिंदर सिंह सुन्नर) ) को लोकापर्ण किया गया । कार्यक्रम के दूसरे सत्र की शुरुआत ‘चुनिंदा मिन्नी कहानियों ‘ के पाठ से हुई, जिसमें गुरुमीत सिंह मराड़, सोमा कलसियां , कुलविंदर कौशल, दर्शन सिंह बरेटा, सीमा वर्मा, डाॅ. हरजिंदरपाल कौर कंग, कांता रॉय भोपाल, सीमा भाटिया, स्नेह गोस्वामी, परमजीत कौर शेखुपुर कलां, सरिता बाघेला भोपाल, अवतार कमल, डाॅ. नीरज संधाशु बिजनौर (उत्तर प्रदेश), लखविंदर सिंह मूसा और तृप्ता बरमौता ने अपनी-अपनी लघुकथाएँ सुनाईं। इन लघुकथाओं पर सत्र की अध्यक्षता कर रहे करनाल (हरियाणा) से पधारे डॉ. अशोक भाटिया एवं प्रसिद्ध विचारक डाॅ. अनुप सिंह ने अपने विचार साँझा किये। इस सत्र का संचालन बीर इंदर बनभौरी ने किया। आयोजन के तीसरे सत्र का संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ.. दीपा कुमार ने किया, जिसमें गुरुमीत रामपुरी, परगट सिंह जंबर, देविंदर पटियालवी, मनजीत सिधू रत्नगढ़, राजदेव कौर सिधू, सुखदर्शन गर्ग, रणजीत आजाद कांजला, डॉ. गुरविंदर अमन, पवनजीत कौर मोगा, बलराज कुहाड़ा , मनदीप सिद्धू सहज और जगन नाथ ने मिन्नी कहानियां सुनाईं। इन पर अध्यक्षता कर रहे मंगत कुलजिंद (संपादक, शबद त्रिंजन) और दर्शन सिंह बरेटा ने बात की, जबकि डॉ. दीपा कुमार ने भी रचनात्मक टिप्पणियों के साथ संवाद की शुरुआत की। धन्यवाद के शब्द परमजीत कौर शेखूपुर कलां ने कहे। चौथा सत्र ‘हिन्दी लघुकथाओं के पाठ’ का था, जिसका संचालन दिल्ली से आये डॉ. बलराम अग्रवाल ने किया। इस में अशोक दर्द (डलहौजी), शबनम सुल्ताना, संतोष सुपेकर (उज्जैन), राम मूरत राही (इंदौर), डॉ. वर्षा ढोबले (भोपाल), सुनीता प्रकाश, मृदुल त्यागी, संजय आरज़ू बड़ौतवी ने रचनाएँ सुनाईं। लघुकथा केंद्र भोपाल की निदेशक कांता रॉय ने इन रचनाओं पर टिप्पणी की। धन्यवाद डॉ. हरजिंदरपाल कौर कंग ने किया। पांचवें सत्र के मुख्य संचालक प्रसिद्ध चिंतक डॉ. कुलदीप सिंह दीप थे, जिन्होंने ने इस सत्र में पढ़ी गई मिन्नी कहानियों की समीक्षा की और संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस सत्र में राजिंदर रानी, परवीन अवि, संदीप सोखल, कविता राजबंस, सुखविंदर दानगढ़ , सतनाम कौर तुगलवाला, बलजीत कौर, बूटा खान सुखी, कुलविंदर कुमार और गुरजीत कौर अजनाला ने अपनी रचनाएँ सुनाईं। हरभजन सिंह खेमकर्णी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में लेखकों को प्रतिबद्धता के साथ इस विधा से जुड़ने की सलाह दी। कुलविंदर कौशल ने धन्यवाद किया । पहले दिन का आखिरी सत्र ‘नाटक एवं सम्मान समारोह’ था। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. इंद्रजीत कौर, मुख्य सेवादार पिंगलवाड़ा और श्री आर. पी. सिंह प्रभारी मूक बधिर विद्यालय पिंगलवाड़ा शामिल हुए। डॉ. इंदरजीत कौर ने पिंगलवाड़ा संस्था द्वारा किए जा रहे जन कल्याण कार्यों पर प्रकाश डाला और लेखकों से अपील की कि वे ऐसे लेखन कार्य करें जिस से लोग सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक हो सकें । इस अवसर पर योगराज प्रभाकर, संपादक ‘लघुकथा कलश’ के सहयोग से अणु पत्रिका के संपादक श्री सुरिंदर कैले को श्री रोशन फूलवी यादगारी मिन्नी कहानी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2023, वरिष्ठ लघुकथाकार डॉ. राम कुमार घोटड़ (राजस्थान) को रवि प्रभाकर लघुकथा सम्मान 2023 और डॉ. नीरजा शर्मा, बिजनौर (उत्तर प्रदेश) को उषा प्रभाकर लघुकथा पुरस्कार 2023-प्रदान किया गया। मिन्नी कहानी लेखक मंच द्वारा श्री अमरजीत सिंह सरीह एएसआई यादगारी मिन्नी कहानी आलोचक पुरस्कार से डॉ अनूप सिंह, श्री राजिंदर कुमार नीटा यादगारी मिन्नी कहानी युवा लेखक पुरस्कार से सोमा कलसियां और स गुरबचन सिंह कोहली यादगारी मिन्नी कहानी सहयोगी पुरस्कार से श्री कुलदीप अरोड़ा अमृतसर को सन्मानित किया गया। इस अवसर पर डाॅ. कुलदीप सिंह दीप को ‘साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार’ मिलने पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। मिन्नी कहानी संग्रह ‘अर्श दे तारे’ (रंजीत आजाद कांझला) ‘अणु’ का नया अंक (संपादक: सुरिंदर कैले), ‘कुज्जे ‘च दरिया’ (सुखविंदर दानगढ़), ‘अशोक भाटिया @ लघुकथा’ ( राधेश्याम भारतीय) , ‘फ्लैट नंबर इक्कीस ‘ (राम मूरत राही) , ‘अन्वीक्षण’ (संतोष सुपेकर), ‘त्रिपत भट्टी की श्रेष्ठ लघुकथाएं’ ( स:डॉ. हरप्रीत सिंह राणा अनु: हरदीप सभरवाल ) और ‘जंगल में आदमी’ (दूसरा संस्करण- डॉ. अशोक भाटिया) की पुस्तकें लोकापर्ण की गईं। लोक कला मंच मजीठा की टीम ने गुरमेल शामनगर के निर्देशन में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए मिन्नी कहानियों पर आधारित नाटक ‘जिंदगी जिंदाबाद’ का मंचन किया, जिसे काफी सराहना मिली। इसी समय 34वीं मिन्नी कहानी प्रतियोगिता के विजेता -गुरमीत सिंह मराड़, तरसेम गोपी का, डॉ. संदीप राणा, बलजीत कौर, सीमा भाटिया, परमजीत कौर शेखूपुर कलां और मंगत कुलजिंद को सम्मानित किया गया।
श्री श्याम सुन्दर अग्रवाल जी को दर्शन मितवा जी की पुण्य स्मृति में ‘आजीवन लघुकथा सेवा सम्मान’ प्रदत्त

दूसरे दिन की शुरुआत पिंगलवाड़ा संस्थान के भ्रमण से हुई। जिसमें देश-विदेश के साहित्यकारों ने इस संस्था की कार्यप्रणाली को समझा। इसके बाद पहला सत्र शुरू हुआ, जिसमें डाॅ. साधु राम लांगेआना , कंवलजीत भोला लंङे, डाॅ. नवजोत कौर लवली, डॉ. दविंदर कौर खुश धालीवाल, विवेक कोट ईसे खां ने मिन्नी कहानियां सुनाईं, जिन पर डाॅ. बलजीत कौर रियाड़, सहायक प्रोफेसर, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर ने समकालीन मिन्नी कहानी पर विचार के साथ चर्चा की। मंच का संचालन गुरसेवक सिंह रोड़की ने किया। इसके बाद दूसरा सत्र ‘इंडो-नेपाल लघुकथा पाठ’ के नाम से शुरू हुआ, जिसकी अध्यक्षता हाईग्रेव आचार्य (नेपाल) और डॉ. हरप्रीत सिंह राणा ने की। इस सत्र में डाॅ. मौसमी परिहार, गुरसेवक सिंह रोड़की, रमेश मोहन अधिकारी (नेपाल), किशन पौडेल (नेपाल), माधव पोखरेल (नेपाल), बी. डी. बतौला (नेपाल), विष्णु प्रशाद गौतम (नेपाल), मिथिला अधिकारी (नेपाल) ने अपनी रचनाएँ सुनाईं। अध्यक्ष मंडल ने नेपाली और भारतीय भाषाओं की लघुकथाओं की तुलना करते हुए कहा कि ऐसे मंच दो सभ्यताओं और देशों को जानने का बेहतरीन अवसर बनते हैं। इस समय जगदीश रॉय कुलरियाँ को ‘भारतीय साहित्य अकादमी द्वारा अनुवाद पुरस्कार’ प्राप्त करने पर ‘विशेष उपलब्धि’ पुरस्कार दिया गया।
श्री श्याम सुन्दर अग्रवाल जी को दर्शन मितवा जी की पुण्य स्मृति में ‘आजीवन लघुकथा सेवा सम्मान’ प्रदत्त
इस अवसर पर ‘श्री दर्शन मितवा यादगारी मिन्नी कहानी ताउमर कार्यों के लिए सर्वोच्च पुरस्कार-2023 वरिष्ठ लघुकथाकार, संपादक और अनुवादक श्री श्याम सुंदर अग्रवाल को प्रदान किया गया। इसके अलावा कॉमरेड जसवंत सिंह कार शिंगार यादगारी मिन्नी कहानी विकास पुरस्कार से श्री राजिंदर माज़ी ( संपादक ‘मेला’) , गुलशन रॉय यादगारी मिन्नी कहानी पुस्तक पुरस्कार-2023 से प्रो. गुरदीप ढिल्लों, माता महादेवी कौशिक यादगारी लघुकथा पुरस्कार से श्रीमति कांता रॉय, भोपाल, श्री गोपाल विन्दर मित्तल यादगारी मिन्नी कहानी खोज पुरस्कार से डॉ महताब-उद-दीन को अलंकृत किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डाॅ. श्याम सुन्दर दीप्ति एवं जगदीश राय कुलरिया को नेपाल के लेखकों की तरफ से विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह आयोजन लगातार दो दिनों तक चला और यादगार बन गया। इस कार्यक्रम में हरमीत आर्टिस्ट, एस. प्रशोतम, बलविंदर सिंह धालीवाल, बलवंत भाटिया, उषा दीप्ति, हरिंदरपाल खेमकरणी, अजय विश्वास, प्रयास, संजीवमितवा आदि भी शामिल हुए।
प्रस्तुति-जगदीश रॉय कुलरियाँ