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26वाँ अन्तर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन पंचकूला में संपन्न

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लगातार 9 घंटे चला लघुकथा का कुम्भ  

पंचकूला : हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी  हरियाणा सरकार, पंचकूला) व पंजाबी त्रैमासिक 1‘मिन्नी’ की ओर से 26वाँ अन्तर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन’ अकादमी भवन सैक्टर 14, पंचकूला में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में अनेक राज्यों से नामवर लघुकथा लेखकों ने भाग लिया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ.नरेन्द्र सिंह विर्क डिप्टी चेयरमैन हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, डॉ.सर्बजीत कौर सोहल अध्यक्ष पंजाब साहित्य अकादमी चंडीगढ़, डॉ.सुरजीत सिंह महासचिव पंजाबी साहित्य अकादमी लुधियाना, श्री अश्विनी गुप्ता निदेशक हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, निदेशक उर्दू अकादमी डा.नरेंद्र उपमन्यु, श्री राम कुमार अत्रेय और श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ संपादक लघुकथा डॉट कॉम पत्रिका ने की।

2      अकादमी के निदेशक श्री अश्विनी गुप्ता ने बाहर से आए लेखकों का स्वागत करते हुए हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी और हरियाणा सरकार की तरफ से पंजाबी भाषा के प्रचार व प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों पर रौशनी डालते हुए कहा कि हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी व हरियाणा सरकार पंजाबी भाषा के विकास व प्रसार के लिए कार्यशील हैं। डॉ.।श्याम सुन्दर दीप्ति¸ निरंजन बोहा¸ सुभाष नीरव दिल्ली¸ सुरिंदर कैले, सुकेश साहनी बरेली और श्याम सुन्दर अग्रवाल ने कहानी और मिन्नी कहानी के अन्तर को स्पष्ट करते हुए अपने विचार रखे। इस अवसर पर डॉ. सरबजीत कौर सोहल,  डॉ. नरेन्द्र सिंह विर्क व डॉ. सुरजीत सिंह ने कहा कि लेखकों को सामाजिक बुराइयों को दूर करने में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए और उन्होंने यह भी कहा कि मिन्नी कहानी/लघुकथाएँ आकार में लघु होते हुए भी बड़ी बात कह जाती हैं, तथा अब समय आ गया है कि पंजाबी मिन्नी कहानी का विधानपरक ढाँचा तैयार किया जाए । श्री रामेश्वर काम्बोज हिमांशु जी ने नए लेखकों को साथ लेकर चलने के लिए वरिष्ठ लेखकों को उदारता अपनाने की ओर  ध्यान दिलाया।

3          इस सम्मेलन में पत्रिका ‘मिन्नी’ का अंक-117,  पंजाबी के तीन लघुकथा संग्रह ‘पछान ते पड़चोल’ (सं. डॉ. दीप्ति, अग्रवाल, नूर, खेमकरनी), ‘नकली लोक (विवेक),व्यसत आदमी (इंज. डी एम सिंह), एक हिन्दी से पंजाबी अनूदित लघुकथा संकलन ‘डॉ रामकुमार घोटड दीयाँ हिन्दी लघुकथावाँ ‘(अनुवादक जगदीश राय कुलरियाँ), दो हिन्दी लघुकथा- संग्रह ‘तितली फिर आएगी (डॉ.लता अग्रवाल), सपने बुनते हुए (संपादक श्याम सुन्दर अग्रवाल, बलराम अग्रवाल) और पत्रिका ‘ साहित्य  त्रिवेणी त्रैमासिक का लघुकथा विशेषांक (संपादक- कुमार वीर सिंह मार्तण्ड, विशेषांक के अतिथि सम्पादक  डॉ.अशोक भाटिया) ,’ दृष्टि’ लघुकथा- त्रैमासिक(सम्पादक अशोक जैन) विमोचन किया गया।

इस अवसर पर श्रीमती रीता साहनी बरेली को ‘ललिता अग्रवाल स्मृति सम्मान’ प्रदान किया गया। मनजीत सिद्धु रतनगढ़ और श्रीमती शोभा रस्तोगी दिल्ली को ‘लघुकथा किरण पुरस्कार’ से नवाज़ा गया।

100     इस सम्मेलन में भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों के 80 लघुकथा लेखकों ने अपनी लघुकथा/मिन्नी कहानियों का पाठ किया। जिन पर डॉ.बलराम अग्रवाल दिल्ली, डॉ. अशोक भाटिया करनाल, डॉ. कुलदीप दीप पटियाला और डॉ. अरविन्द्र कौर काकडा ने आलोचनात्मक समीक्षा की।

दोपहर भोज के पश्चात लघुकथा सम्मेलन का रचना-पाठ व विचार-विमर्श सत्र- ‘जुगनुआँ दे अंगसंग’ आरंभ हुआ। इस सत्र में राधेश्याम भारतीय (करनाल), अशोक दर्द (डल्हौजी), श्रीमती अन्तरा करवडे (मध्य प्रदेश), कपिल शास्त्री, कान्ता राय भोपाल, कुणाल शर्मा करनाल, कुमार गौरव (बिहार), देवराज डडवाल (हिमाचल), नीता सैनी IMG_20171029_185426(दिल्ली), डॉ नीरज सुधांशु (बिजनौर), नीलिमा शर्मा निविया (देहरादून), पंकज शर्मा, पवन जैन, मधु जैन, पवित्रा अग्रवाल हैदराबाद, रूप देवगुण सिरसा, रेखा तामकार राज, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, विभा रश्मि, डॉ.शील कौशिक, शोभा रस्तोगी, सतविन्द्र कुमार राणा, सविता मिश्रा, सुरेन्द्र गुप्त, डॉ. सुषमा गुप्ता, स्नेह गोस्वामी, रणजीत टाडा और रतन चंद रत्नेश ने हिंदी में लघुकथाएँ पढ़ीं। पंजाब व हरियाणा के विभिन्न जिलों से पधारे लेखक, लेखिकाओं रणजीत आजाद काँझला, राजदेव कौर सिद्धू, दविंदर पटियालवी, महिंदर पाल मिंदा, हरप्रीत सिंह राणा, रघबीर सिंह महमी, हरभजन खेमकरनी, लखबीर सिंह बाजवा, सुरिंदर कैले, बिक्रमजीत नूर, जगदीश राय कुलरियाँ, डॉ इन्द्रजीत कौर, डॉ पूनम गुप्त, सतपाल खुल्लर, कुलविंदर कौशल, मनदीप सिंह डडियाना, प्रदीप मेहता, निरंजन बोहा, गुरसेवक सिंह रोडकी, बुटा खान, डॉ गुरविन्द्र अमन, बलराज कुहाडा, जसबीर ढंड, प्रो. बलदेव सिंह वालिया, मक्खन सिंह, सुरिन्द्रदीप, शिखा गर्ग, डॉ दर्शन सिंह सिरसा, सुरजीत सिंह सिरडी, मनजीत कौर अम्बालवी, सुभाष सलुजा, जोगिन्द्र कौर अग्निहोत्री, डॉ नैब सिंह मंडेर, मीना नवीन, तनीशा गुप्ता, कमलजीत कौर जुनेजा, रेणु गुप्ता, दीपिका गर्ग, जश्नदीप कौर, भवानी शंकर गर्ग, श्याम सुन्दर अग्रवाल व डॉ. श्याम सुन्दर दीप्ति द्वारा पंजाबी में लघुकथा पाठ किया गया। पढ़ी गई एक-एक रचना पर वरिष्ठ लेखकों द्वारा विचार विमर्श किया गया। इस सम्मेलन में औरों के अतिरिक्त श्री प्रेम गोरखी, प्रो. फूलचंद मानव, श्री टेकचंद अत्री, श्री कृष्ण कुमार आशु, ऊषा दीप्ती, हितेश अगवाल, मेघा अग्रवाल, कमलेश भारतीय, डॉ अमरजीत कौंके, श्री जतिंद्रपाल सिंह, कंवलजीत सिंह, रघुवीर सिंह, प्रियंक अरोड़ा, परविंद्र सिंह, शैली अरोड़ा, संतोष कुमार, जसविंदर सिंह, गुरजिन्दर सिंह विशेष तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर पंजाबी मिन्नी कहानी पर प्रयास दीप्ती द्वारा तैयार की एक फिल्म भी दिखाई गई।

मंच संचालन जगदीश राय कुलरियाँ ने किया। लगातार 9 घंटे चला यह प्रोग्राम एक ऐतिहासिक कार्यक्रम के रूप में सम्पन्न हुआ । हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला की ओर से किए गए प्रबंध को लेखकों ने खूब सराहा।

प्रस्तुति- जगदीश राय कुलरियाँ


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