पाकेटमारी
‘इसने शराब पी रखी है। खतरे से तो बाहर है, पर चोट काफी लगी है। इसलिए यहाँ एडमिट करना पड़ेगा।’ डॉक्टर ने मोटर-साइकिल सवार का मुआयना करते हुए कहा। ‘क्या आप इसके खिलाफ एफ-आई-आर- लिखवाएँगे?’ डाक्टर ने साथ आए...
View Articleवर्तमान काल हिंदी-साहित्य में लघुकथा-काल
गरीबी में महँगाई की मार, धर्म व आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे, पर्यावरण का ह्रास व संस्कार, संस्कृति की अवमानना, जीवन-मूल्यों को भुलाना, क्या आदम एक रुग्ण समाज की प्रतिष्ठा करने की ओर चल पड़ा कान्ता...
View Articleकथादेश अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-2017 व सम्मेलन
1-कथादेश अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-2017 की पुरस्कृत लघुकथाओं का कथादेश-अक्तुबर में प्रकाशन 2-पंचकूला में 29 अक्तुबर को लघुकथा -सम्मेलन
View Articleबाईस्कोप-‘ए ट्रिप टू रेवड़स्तान’
ग्यारहवाँ पुरस्कार प्राप्त लघुकथा ये कौन -सी जगह है? जहाँ पशु, पक्षी, नर, नरभक्षी सभी एक साथ रह पा रहे हैं? इतने विचित्र तरह के लोग जीव जन्तु एक जगह इकट्ठे हों तो बिगलॉस रिएलिटी शो बन...
View Articleलघुकथा मेरी नजर में
न तो मैं कोई समीक्षक हूँ न ही टिप्पणीकार बस एक सहज भाव-युक्त पाठक हूँ ।इस लिहाज से मैंने महसूस किया है कि साहित्य की हर विधा की तरह लघुकथा भी अपने मन की बात कहने की एक सशक्त विधा है। जिसमें लेखक...
View Articleहैसियत
दसवाँ पुरस्कार प्राप्त लघुकथा विनोद कुमार जैसे ही दुकान में घुसे दुकान के मालिक सत्यनारायण ने उन्हें आदर से बिठाया और उनके मना करने के बावजूद लड़के को चाय लेने के लिए भेज दिया। उसके...
View Articleलघुकथा का गुण धर्म और पुरस्कृत लघुकथाएँ
रचनाओं पर निर्णायकों के विचार एवं लघुकथा पर अपनी बात से पूर्व लघुकथा प्रतियोगिता के आयोजन के सम्बन्ध में कुछ जानकारियाँ देना आवश्यक प्रतीत होता है। कथादेश द्वारा प्रत्येक वर्ष इस प्रतियोगिता का...
View Articleसारिका भूषण
नौवाँ पुरस्कार प्राप्त लघुकथा ठण्ड की दस्तक तेज थी। हवाएँ बदन सिहराने के लिए काफी थीं। नवम्बर माह में सुबह पाँच बजे उठकर तैयार होकर पार्क जाना कोई मामूली बात नहीं थी। मैं बिना...
View Articleਹਿੰਦੀ/ ਪਾਣੀ ਬਚਾਓ
[ अनुवाद; श्याम सुन्दर अग्रवाल] ਸੀਮਾ ਅੱਜ ਬਹੁਤ ਖੁਸ਼ ਸੀ। ਉਸਨੇ ਪ੍ਰਾਰਥਨਾ ਸਭਾ ਵਿਚ ‘ਪਾਣੀ ਬਚਾਓ’ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇ ਉੱਤੇ ਭਾਸ਼ਣ ਦਿੱਤਾ ਸੀ। ਭਾਸ਼ਣ ਸੁਣ ਕੇ ਸਾਰਿਆਂ ਨੇ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਤਾੜੀਆਂ ਮਾਰੀਆਂ ਸਨ। ਸਾਥੀ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਨੇ ਉਹਦੀ ਭਾਸ਼ਣ-ਕਲਾ ਦੀ...
View Articleराक्षस
आठवाँ पुरस्कार प्राप्त लघुकथा– डॉ संध्या पी दवे उत्तेजना के साथ प्रस्तुत उसकी बातें ध्यान से सुननी पड़ीं। जब उसने कहा- मम्मी वह पप्पी हमारी बस के नीचे आ गया और टायर उसे कुचलकर आगे निकल...
View Articleडर
सातवाँ पुरस्कार प्राप्त लघुकथा रविवार का दिन था। सौरभ मेरे सामने बैठा था। उससे बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। अखबार से अपना चेहरा छुपा, आँसू रोकते हुए बोलने की कोशिश की ,तो...
View Articleइच्छा
छठा पुरस्कार प्राप्त लघुकथा पति मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उँगलियां दौड़ा रहा था! उसकी पत्नी बहुत देर से उसके पास बैठी खामोशी से देख रही थी, जो उसकी रोज़ की आदत हो गई थी और...
View Articleटच स्क्रीन
पाँचवा पुरस्कार प्राप्त लघुकथा राधा मौसी की बेटी की शादी में पूरा परिवार एकत्र था। हंसी, ठिठोली, गाना-बजाना जोरों पर था, पर मौसी बेचैन थी। अमरो बुआ दादी अब तक नहीं आई थी। इस उम्र...
View Articleलार पर आघात
चौथा पुरस्कार प्राप्त लघुकथा रेलवे प्लेटफॉर्म पर मेरे पास खड़े उस साधारण से आदमी ने जैसे ही बीड़ी का बंडल जेब से निकाला, मैंने जोर से उसे टोक दिया,‘अब्बे, स्टेशन पर बीड़ी पिएगा तो...
View Articleचेहरे
तीसरा पुरस्कार प्राप्त लघुकथा गाँव से बाहर एक सड़क थी। सड़क बस नाम की ही थी बाकी तो उस पर इतने गड्ढे थे कि पैदल चलना भी दूभर था। वाहन भी सही सलामत तब ही निकल पाते जब ड्राइवर पूरी सतर्कता...
View Articleसमाधन
दूसरा पुरस्कार प्राप्त लघुकथा लो मन्त्री जी की सिफारिश आ गई।” कमेटी के अध्यक्ष ने फोन का चोंगा क्रेडिल पर रखते हुए कहा। “अब तो हम लोग लिस्ट फाइनल कर चुके हैं। अब किसका नाम काटा जा सकता...
View Articleज़रूरत
पहला पुरस्कार प्राप्त लघुकथा महेश शर्मा दीवाली की सफाई धूम-धाम से चल रही थी। बेटा-बहू, पोता-पोती सब, पूरे मनोयोग से लगे हुए थे। वे सुबह से ही, छत पर चले आये थे। सफाई में एक पुराना एलबम...
View Article26वाँ अन्तर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन पंचकूला में संपन्न
लगातार 9 घंटे चला लघुकथा का कुम्भ पंचकूला : हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी हरियाणा सरकार, पंचकूला) व पंजाबी त्रैमासिक ‘मिन्नी’ की ओर से 26वाँ अन्तर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन’ अकादमी भवन सैक्टर 14,...
View Article(सम्मोहन)प्रेमाची भाषा
मूल लघुकथा : सम्मोहन अनुवाद : प्रेमाचं सम्मोहन लेखक : रश्मि शर्मा अनुवादक : डॉ. रश्मि नायर प्रेमाची भाषा त्या दिवशी ती मुलगी थोडी उदास दिसत होती. मुलाला ते कळलं....
View Articleशून्य से क्षितिज तक लघुकथा का विस्तार
लघुकथा विधा से मेरा सबसे पहला परिचय खलील जिब्रान, झेन गुरुओं और आध्यात्मिक विचारों के प्रेषण को पठनीय बनाने वाले गुरु – शिष्य आदि के वार्तालाप के रूप में सजी कथाओं के माध्यम से हुआ। विद्यालयों की...
View Article