“दुई किलो आटा और सौ ग्राम दाल दै दो। “
” हम तो देने के लिए बैठे हैं धनिया लेकिन बदले में हमें भी तो कुछ मिले । “
खूब समझती थी बनिये का मतलब लेकिन जब्त कर गई– “एमकी दशहरा पर सारा अगला पिछला चुकता कर देंगे , सरितिया के बाउ बोले हैं फोन पर चिंता मति करो।”
बनिया ने खींसें निपोरी –” पैसे तो देर सबेर आ ही जाएँगे। भागे थोड़े जा रहे हो गाँव छोड़कर और अब तो बिटिया भी कालेज जाने लगी होगी , तू क्यों हाड़ तोड़ती है, उसी को भेज दिया कर सामान लेने फुर्र से ले आया करेगी साइकिल से ।” सामान देते हुए बनिए ने हाथ पकड़ने की असफल कोशिश की , लेकिन उसने तेजी से हाथ खींचते हुए कहा–” उसके पास कहां टैम है कालेज के बाद उ का कहते हैं भौकसिंग सीखने जाती है कह रही थी मेरीकोम बनेगी।”
बनिए पर मानों किसी ने गर्म तेल डाल दिया हो। उसने दाँत भींचते हुए कहा– ” उसके बाप से कहना अब तक का हिसाब पाँच हजार सात सौ हो गया है। “
धनिया मुस्कुराते हुए सोच रही थी– चलो पैसे का छोड़कर सब हिसाब अब बराबर हो गया ।
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