Quantcast
Channel: लघुकथा
Browsing all 2466 articles
Browse latest View live

कथाः मनुष्य की चिरसहचरी

कथा को मनुष्य की चिरसहचरी माना जाता है। मानव जीवन के आरंभ से ही कथा किसी न किसी रूप में सदा अस्तित्व में रही है। संस्कृत ,पालि ,प्राकृत ,अपभ्रंश में जो दृष्टांत है, वहां से लघुकथा का उत्स कतिपय विद्वान...

View Article


जमाखोर

(अनुवाद :सुकेश साहनी) एक आदमी के पास सुइयों का बहुत बड़ा भण्डार था। एक दिन पड़ोस की एक महिला ने उसके पास आकर कहा, “भैया! मेरे बेटे के कपड़े फट गए हैं। उसके मन्दिर जाने के पहले मैं कपड़े सिल देना चाहती...

View Article


मुआवजा

गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट -त आप छन इंचार्ज साब, यु काळी– काळी बैट्रि ये भितर कतगा भद्दी लगणी च। यूँ तैं भैर मोरी क नेडू रखवे द्यावा। –चोरी हूँण कि डैर च। –हूँ चोरी! क्वी मजाक च। तब मि अपड़ा किस्सा...

View Article

थाती

गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट सैरू  सामान ट्रक म धरे गे छौ। कवि शिवा आज नयाँ मकान म जाणा छा, “अरी गुड़िया!” माँ न जोर से धै लगाई, “चल, सैरू सामान धरे गे।” चार सालै गुड़िया मठु– मठु हिटिक भैर आणी छै। वींक...

View Article

मनीऑर्डर

शिवांगी कौशिक के स्वर में खेमकरण सोमन की  लघुकथा सुनने के लिए निम्नलिखित लिन्क को क्लिक कीजिए- मनीऑर्डर

View Article


सवाल माँ का

लघुकथा सुनने  के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक कीजिए- सवाल माँ का

View Article

चौथी आवाज़

पहली आवाज़… “1984 के दिल्ली दंगों में मारे गए सिखों के हत्यारों को फाँसी दो।” एक सामूहिक नारा गूँजा, “फाँसी दो, फाँसी दो!” नारा लगाने वालों में अल्पसंख्यक भी थे, बहुसंख्यक भी। “मित्रों, किसी भी अपराधी...

View Article

Evaluation

Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh “Papa, where are you going so early this morning?” Pinky asked her father,  who was an officer. “Mehra Babu in our office, you know him? His...

View Article


सवाल माँ का

ॠतु कौशिक के स्वर में श्याम सुन्दर अग्रवाल की लघुकथा निम्नलिखित लिंक पर सुनिए- सवाल माँ का

View Article


Phulo’s Kurta

Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh We have very small villages here. Some are very small hamlets. From ten to twenty houses to five to six houses and very close by. One village...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की लघुकथाएँ

                `स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की लघुकथाएँ’ का प्रथम संस्करण 1992 में प्रकाशित हुआ था,तब लघुकथा एक परिपक्व विधा के रूप में हिंदी साहित्य में अपने आपको स्थापित कर रही थी और जीवन के विविध रूपों...

View Article

सपने

वह खुशनुमा सुबह थी। पूरब की लाली और मन्द हवा में झूमते वृक्ष उसे अच्छे लगे। उसने काले सफेद बादलों को देखा और इठलाते हुए आगे बढ़ गया । तभी उसे लगा कि बादलों के साथ–साथ वह भी उड़ रहा है। धूल का उड़ना...

View Article

लड़की

त्योहार के मौके पर, खचाखच भरी बस में महिला यात्री केवल दो ही थीं। एक लड़़की, एक अधेड़ उम्र के यात्री के साथ बैठी थी और उसके अभद्र और असंयत व्यवहार पर खीझ रही थी। ठीक उसी के पीछे वाली सीट पर एक महिला...

View Article


इसलिए

आज की डाक से जब उसे एक प्रकाशन संस्थान से इंटरव्यू लेटर मिला तो एकबारगी वह स्तब्ध रह गया। एक लंबे अरसे से वह बेरोजगारी का बोझ ढोते–ढोते हाँफने लगा था। इस बीच न जाने कितने अनाप–शनाप विचार उसके दिमाग में...

View Article

दायित्व बोध

शहर में अचानक ही किसी झगड़े ने बढ़कर दंगे का रूप ले लिया था। काफी प्रयासों के बाद भी स्कूल से निकले मेरे दस वर्षीय लड़के का पता न चल पाया। मैं उसे खोजने स्कूल की ओर निकला तभी पत्नी ने टोका, ‘सुनो...

View Article


पथ प्रदर्शक

  ‘‘अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तम्बाकू या तम्बाकू से बने पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध है।’’ शहर में पान की दुकानों पर यह तख़्ती लगी थी। स्कूल के छोकरे सिगरेट पीना चाह रहे थे। ‘‘ओए, जा ले आ...

View Article

व्यापारी

मैं पोस्ट ऑफिस से स्पीड पोस्ट करवाकर बाहर निकली तो एक सज्जन, जो कुछ समय पहले टिकटें खरीद रहे थे, स्टैंड से अपनी साइकिल हटा रहे थे। उनकी साइकिल के कैरियर पर दुबले–पतले श्यामल तने वाली तुलसी के दो कोमल...

View Article


मैं

(अनुवाद :सुकेश साहनी) “बहुत पहले… जब समुद्र में ज्वार था,” एक आदमी ने दूसरे से कहा, “मैंने लाठी के सिरे से रेत पर एक पंक्ति लिखी थी-लोग उसे पढ़ने के लिए अभी भी रुक जाते हैं और ध्यान रखते हैं कि कहीं...

View Article

कथ्य को बिंबों के माध्यम से कहना

हरभगवान चावला कविता, कहानी और लघुकथा के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर हैं।  हरभगवान चावला भाषा के अच्छे जानकार हैं और इनका अध्ययन बेहद विस्तृत है।  हरभगवान चावला सिर्फ भाषा के ही नहीं, भाव के भी प्रबल चितेरे...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

कमल चोपड़ा की लघुकथाओं में स्त्री- विमर्श

हिंदी लघुकथाकाश में कमल चोपड़ा उत्कृष्ट और सुप्रतिष्ठित लघुकथाकार हैं | १९९० में उनका पहला लघुकथा संग्रह ‘अभिप्राय’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था और उत्तरोत्तर ‘अन्यथा’, ‘फंगस’, ‘अकथ’, ‘अनर्थ’ आदि लघुकथा...

View Article
Browsing all 2466 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>