कविता
अनुवाद :सुकेश साहनी एथेन्स के राजमार्ग पर दो कवियों की भेंट हो गई। मिलकर दोनों को खुशी हुई। एक कवि ने दूसरे से पूछा, ‘‘इधर नया क्या लिखा है?’’ दूसरे कवि ने गर्व से कहा, ‘‘मैंने अभी हाल ही में एक कविता...
View Articleकथ्य को उत्कृष्टता प्रदान करती लघुकथाएँ
मैं विगत दो दशकों से लघुकथाएँ गंभीरता से पढ़ता आ रहा हूँ । यह विधा मुझे अपनी क्षिप्रता एवं स्वाभाविक लघु आकार के कारण आकर्षित करती रही हैं। इसी कारण आज तक मैंने असंख्य लघुकथाएँ पूरी गंभीरता से पढ़ डालीं...
View Articleसिम्मी भाटिया की लघुकथा- ममता का अहसास पर लघु फ़िल्म
सिम्मी भाटिया की लघुकथा- ममता का अहसास पर लघु फ़िल्म (माँ और बेटी की भूमिका में सिम्मी भाटिया) इस लिन्क पर
View Articleमनोविज्ञान को सत्यापित करती लघुकथाएँ
कृष्णानंद कृष्ण आज लघुकथा साहित्य में जिस स्थान पर पहुँच चुकी है, उस पर निश्चित रूप से गर्व किया जा सकता है। लगभग एक सौ पचास वर्ष की संघर्षपूर्ण यात्र के दौरान लघुकथा ने अनेक-अनेक उतार-चढ़ाव देखे और...
View Articleपेशबन्दी
पहली वारदात नाके के होटल के पास हुई। फौरन ही वहाँ एक सिपाही का पहरा लगा दिया गया। दूसरी रोज शाम को स्टोर के सामने हुई। सिपाही को पहली जगह से हटाकर दूसरी वारदात के मुकाम पर नियुक्त कर दिया गया। तीसरा...
View Articleग़लतफ़हमी
आज शाम से ही मौसम में कुछ सुहावनपन था,काले,सफेद बदलो के अनेक तरह के चित्रों से आकाश भरा था। हर तरफ एक अजीब सी गंध थी,गंध या खुशबू?शायद इसे लोग खुशबू ही कहते है मगर ये गंध मुझे किसी बीते समय मे ले...
View Articleघर की इज़्ज़त
आज फिर घर की इज्जत को घर में सिर झुकाये उदास घुसते देखा तो घर के सभी मर्दो का खून खौल उठा। एक के बाद एक सभी उस पर बरस पड़े। आखिर क्यूं न बरसे उनके घर की बेटी को आज किसी ने फिर अभद्र टीका टिप्पणी से आहत...
View Articleनेटवर्क
कई दिनों से सोशल नेटवर्क पर न ज़्यादा लाइक्स मिल रहे थे, न कमेंट्स, हर पोस्ट औंधे मुँह गिर रही थी। सो, आज इस छुट्टी के दिन ब्रहमास्त्र चलाया स्टेटस अपडेट किया, ‘‘डाउन विद हाई फीवर’’ पहले नाश्ता, फिर...
View Articleलघुकथाओं में स्त्री-विमर्श
स्त्री विमर्श का आरम्भ कईं लोग देह मुक्ति से करते है, कि कम से कम स्त्री को अपनी देह का अधिकार तो मिले, अपनी देह का मनचाहा उपयोग कर सके। भूंमडलीकरण, कॉरपोरेट जगत, बाजार ,विज्ञापन, मीडिया और...
View Articleसुख की मिठास
” आम कैसे दिए ? “ लम्बी गाड़ी से नीचे उतरे साहबनुमा आदमी की आँखों में पहना काला चश्मा उसके रौबदार व्यक्तित्व को और बढ़ा रहा था। ” बाबूजी ! ये वाले सौ रुपये किलो हैं ।” ठेले वाले ने करीने से सजे चमकते...
View Articleतिरंगे का सौदा
सर्द रात में कोहरे को चीरती हुईं कई गाड़ियाँ, आपस में बतियाती हुईं शहरों की झुग्गियों में कुछ ढूँढ रहीं थी तभी अचानक ! “अबे गाड़ी रोक, बॉस का फ़ोन आ रहा है I” ड्राइवर ने कस कर ब्रेक दबा दिया और धमाके के...
View Articleज़िन्दगी की छलाँग
ज़िन्दगी की छलाँग- कपिल शास्त्री;पृष्ठ-144; मूल्य-330रुपये;प्रथम संस्करण-2017, प्रकाशक-वनिका पब्लिकेशंस,एन ए-168,गली नं-6, विष्णु गार्ड्न, नई दिल्ली-110018
View Articleलघुकथाएँ
1-रोज़मर्रा सुरेश नहाते हुए गुनगुना रहा था और सोच रहा था, ‘ये सुचेता है न रोज़ ही कुछ-न-कुछ कमी निकाल देती है। कभी शर्ट ठीक नहीं लग रही, तो कभी मौज़े ढीले हैं, कभी मूँछ छोटी-बड़ी है, तो जूतों पर पॉलिश...
View Articleमुखौटे- चरित्रहीन
मूल हिंदी लघुकथा : मुखौटे , मराठी अनुवाद : चरित्रहीन मूल लेखिका : :डॉ. भावना कुँअर अनुवादक :डॉ.रश्मि नायर आज घरमालकाच्या घरी पुजा होती. सालाबादप्रमाणे भाडेकरु मालतीला वाटलं की काकी...
View Articleअपने दस दिन–
“आंटी आप लोग कहाँ जा रहे हैं”- मैंने अपनी बगल में बैठी अपनी सहयात्री से पूछा।ट्रेन अपनी गति से दौड़ रही थी और मैं आलस में सो सोचा थोड़ी गपशप ही की जाए। “हम…दिल्ली…” “अच्छा आपकी फैमिली भी है क्या आपके...
View Articleबचत
सहेजने की आदत उसने माँ से सीखी थी। माँ हमेशा कहतीं कि थोड़़ी-थोड़ी बचत जब आड़़े वक्त पर काम आती है तब इसकी अहमियत पता चलती है। और सबसे बड़ी बात किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता। यही अच्छी गृहिणी की निशानी...
View Articleरस्म (एकच शब्द)
मूल कथा : रस्म अनुवाद : एकच शब्द मूल लेखिका : अनिता ललित अनुवादक :डॉ.रश्मि नायर भांड पडल्याच्या आवाजाने शिखाची झोप उडाली. तीने घड्याळाकडे पाहिलं आठ...
View Articleलुका–छिपी
[अनुवाद-सुकेश साहनी ] आओ, हम लुका–छिपी खेलते हैं। यदि तुम मेरे दिल में छिप जाओगे, तो तुम्हें ढूँढना मुश्किल नहीं होगा ;किन्तु यदि तुम अपने ही मुखौटे के पीछे छुप जाओगे ,तो किसी भी तुम्हें खोजना निरर्थक...
View Articleहिन्दी-लघुकथा: संरचना और मूल्यांकन
हिन्दी-लघुकथा को यदि ‘कथा’ का नया, आधुनिक एवं विकसित स्वरूप मान लिया जाए तो लघुकथा की संरचना को भी मुख्यतः दो तत्त्वों में विभाजित करके उसकी तह तक पहुँचा जा सकता है। यथा 1- कथानक (कथा-वस्तु) एवं 2-...
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