Quantcast
Channel: लघुकथा
Browsing all 2485 articles
Browse latest View live

Image may be NSFW.
Clik here to view.

संकट मोचन

View Article


छँटनी

“कुछ रिश्ते कभी नहीं बदलते …!” बड़े-बड़े अक्षरों में रिसेप्शन-एरिया में लिखे कम्पनी के सूक्त-वाक्य को देख वह खीझ उठा। “झूठ है सब, छलावा….! ” बुदबुदाते हुए वह मेज़ पर पड़े उस लाल रंग के लिफ़ाफ़े को...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

सशक्त लघुकथाएँ

   लघुकथा मात्र मनोरंजन की साहित्यिक विधा नहीं, अपितु सशक्त सामाजिक सन्देश के धागे में गूँथी हुई समाज के रंग-बिरंगे मनकों से युक्त माला कही जा सकती है; जो आत्मरंजन का श्रेष्ठ माध्यम भी है। आजकल साहित्य...

View Article

दो रोटी का ठेका

कामवाली ने  आते ही जब एडवांस माँगा तो मैं गुस्सा हुई अरे आज तो तुम आई हो ..और .. -दीदी दे दो न…. जरूरी है तभी बोली हूँ ,वर्ना नहीं कहती . कैसे दे दूँ तीन सौ .. आज ही तो तुम आई हो काम पर । हाँ दीदी मेरे...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि  !! डा सतीश दुबे जन्म : 12 नवम्बर, 1940 देहावसान: 25 दिसम्बर ,2016 रचनाकर्म: लघुकथा के वरिष्ठ साहित्य कार, 10 लघुकथा-संग्रह, 6 कहानी-संग्रह, मालवी और हिन्दी में हाइकु- संग्रह भी। लघुकथा डॉट...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

जिंदादिली

कई बार आउट हाऊस से रात को गुनगुनाने की आवाज़ आती। सोचा, अपनी बाई से पूछूँगी कि आखिर उसके घर में गवैया कौन बन गया है! लेकिन सुबह होते नाना विध कामों में ऐसी उलझती कि पूछना भूल जाती। कुछ दिन निकल गए। फिर...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

मुखौटे

“तुम्हारी तस्वीर  बहुत प्यारी है,ख़ास  कर वो  छोटी लाल ड्रेस वाली।क्या तुम्हारे घर वाले तुम्हे ऐसे कपड़े  पहनने से मना नहीं करतें?”,निशा ने यामिनी से पूछा। “धन्यवाद,दरअसल मैं अकेली हूँ,मेरे घर में कोई...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

ज़ेहन में घूमती लघुकथाएँ

मेरे लि‍ए लघुकथाएँ ऐसी हैं, जो मैं कि‍सी भी पत्रि‍का या अखबार में सबसे पहले पढ़ना पसंद करती हूं। छोटे आकार की होने के कारण तुरंत पढ़ने का मोह त्‍यागना मुश्‍कि‍ल लगता है। पर अक्‍सर अनुभव कि‍या है मैंने...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

गौतम कुमार सागर की लघुकथाएँ

1-अपराध माँ – बाप का सिर लज्जा से झुक गया. पुलिस ने सात टीनएजेर्स को पकड़ा था।ये संगठित अपराध , “यो यो गो “ ग्रूपचला रहे थे । ये टीनएजेर्स माहिर बाइकर्स थे । यह स्कूल से बंक मार कर , हेलमेट से मुँह...

View Article


आम आदमी

चुनाव–बुखार चरम सीमा पर था। सारा शहर, पोस्टरों, बैनरों, पैम्पलेटों से पटा पड़ा था। जगह -जगह लोग चाय की चुस्की या दारू के  घूँट के साथ, बहस में उलझे थे, मुद्दा था–आम आदमी। फटा पाजामा, गंदा, मुड़ा–तुड़ा...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

खिड़कियों से :दीपक मशाल की लघुकथाएँ

      प्रत्येक विकासशील विधा स्वरूप एवं शिल्प की दृष्टि से कभी स्थिर नहीं रहती है। कभी मन्थर गति से तो कभी क्षिप्र गति से स्वरूप और शिल्प में परिवर्तन होते रहते हैं। विषयवैविध्य जहाँ अलग शिल्प की तलाश...

View Article

यमराजाचे वंशज

 (अनुवाद: प्रदीप मोघे) ओफ! सिस्टर…! दु:खाने तळमळत तिने हांक मारळी। सिस्टर…सिस्टर….! इमरजेंसी वार्डच्या डयूटीरूमची नर्स डुळक्या ेत बसली होती। त्या बाईच्या हांकेकडे सिस्टरने मुळींच लक्ष दिलं नाही। आज...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

सिरसा में हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा सम्मेलन

18  दिसम्बर 2016 को युवक साहित्य सदन ,सिरसा के सभागार में विराट हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा सम्मेलन आयोजित हुआ । कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मुख्य अथिति विक्रमजीत सिंह अधिवक्ता ,अध्यक्ष ललित जैन, विशिष्ट...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

सम्मान

शाम को एक समाज सेवी संस्था से कुछ महिलाएँ मालती से मिलने आई और उसे अपनी संस्था से जुड़ने का आग्रह करने लगीं । ” मुझे करना क्या होगा आपकी इस संस्था का सदस्य बनने हेतु ?”मालती ने औपचारिकतावश पूछा । “बस...

View Article

मेंढक

(अनुवाद: सुकेश साहनी) गर्मी के दिन थे। एक मेंढ़क ने अपनी पत्नी से कहा, ‘‘जब हम रात में गाते हैं तो उस किनारे मकान में रहने वालों को जरूर तकलीफ होती होगी।’’ मेंढ़की ने कहा, ‘‘इससे क्या? वे लोग भी तो दिन...

View Article


कॅक्टस अणि मशरूमस्

(अनुवाद: प्रदीप मोघे) ड्रायव्हरने अॅक्सीलेटरवर पाय दाबताच जीपची मागची चाक जागच्या जागी गरगरा फिरू लागली। खालून निघणारे वाळूचे फव्वारे बघून जीपच्या भोवताली जमलेले गावकरी मोठयाने हसले। अजयच्या मनात...

View Article

टेलीफिल्म ‘बोझ’,शोध दिशा और साहित्य अमृत के विशेषांक

रामेश्वर काम्बोज की लघुकथा ऊँचाई पर बनी टेलीफिल्म ‘बोझ’- https://youtu.be/R6HrdvFZ61Q शोध दिशा और साहित्य अमृत का लघुकथा अंक नीचे  दिए गए लिन्क से  डाउनलोड कीजिए – शोध दिशा-लघुकथा अंक-दिसम्बर=16...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

भूख

“ऐ माई ! कल से भूखी हूँ । कुछ खाने को दे दो भगवान आपका भला करेंगे ।”  दरवाजे से आती आवाज सुन तपेदिक का मरीज काशी जैसे कैसे बिस्तर से उठा रसोई से चार रोटियाँ लीं और भिखारिन को देने लगे । “बाबूजी सब्जी...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

नई पुस्तकें

लघुकथा अनवरत : सम्पादक द्वय-सुकेश साहनी-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’,पृष्ठ: 284; मूल्य: 600 रुपये;संस्करण:2017,प्रकाशक-अयन प्रकाशन  1/20,महरौली , नई दिल्ली-110030         अपने -अपने क्षितिज(...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

हड़ताल का अर्थ

मालिक के केबिन से निकलकर नंदन जब बाहर निकला तो उसकी छाती घमंड से चौड़ी थी। आज कंपनी के मालिक ने उसकी चिरौरी की थी हड़ताल ख़त्म करने के लिए पर वो टस से मस नहीं हुआ था। उसे डबल बोनस हर हाल में चाहिए, अगर...

View Article
Browsing all 2485 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>