परियोजना में 50 अनूदित लघुकथाएँ स्वीकृत
गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद के ‘स्नातकोत्तर डिप्लोमा अनुवाद’ की परियोजना में डॉ. तृप्ति जोशी द्वारा गुजराती में अनूदित रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ की 50 लघुकथाएँ स्वीकृत।
View Articleરોટલી ની યાત્રા
અનુવાદક : ડૉ. તૃપ્તિ એમ.જોશી / अनुवाद : डॉ. तृप्ति जोशी શ્યામ સુંદર દિપ્તી ” આ આટલી બધી રોટલીઓ વધી પડી, અનાજનો બગાડ ન કરાય.” મા એ રસોડામાં પ્રવેશતા જ રોટલીઓ નો થપ્પો જોતા જ કહ્યું. ” માતાજી,...
View Articleचलते-फिरते कार्यालय
“कुली भैया, पटना एक्सप्रेस किस प्लेटफार्म पर आएगी?” मातादीन से एक महिला ने पूछा। “दो नम्बर पर।” “अंकल, यहाँ से लखनऊ के लिए अभी कोई ट्रेन है क्या?” एक युवक ने पूछा। “हाँ है। एक घंटे बाद।” “साबरमती...
View ArticleBeautiful
Translated from the Original Hindi byKanwar Dinesh Singh We were sitting on the beach late at night.Late means…very late.It must have been around 1:30 a.m. The waves in the sea were raging.I was...
View Articleममता
सुदूर प्रदेश से आगे की पढ़ाई के लिए आया मामूली हैसियत का वह लड़का, मेरे यहाँ एक कमरा किराए पर लेकर रह रहा है। ट्यूशनें कर जैसे-तैसे अपना काम चलाता है। हाथ तंग होने से साल भर से अपने गाँव भी नहीं गया...
View Articleলাঠি / लाठी-অর্চনা রায়/
ভাষান্তর: বেবী কারফরমা/ ( अनुवाद: बेबी कारफरमा) अर्चना राय “শুনছ, আজকে ছেলে বউকে বলছিল শহরে যে নতুন বাড়িটা তৈরি হচ্ছে সেটাতে ওরা খুব শীঘ্রই চলে যাবে।” “কি আর করা যাবে?” একটা দীর্ঘশ্বাস ফেলে বৃদ্ধ...
View Articleफर्ज़ अदायगी
जीवन के पैंसठ वसंत देख चुके कुमार साहब, जिनकी बातों से फूल झरते थे, वे अब सदा के लिए मुरझा गए थे। वे लेटे थे आँखें मूँदे हुए। कुछ औरतें जोर- जोर से रो रही थीं, जिन्हें पहले तो कभी नहीं देखा, शायद दूर...
View Articleलघुकथा में शीर्षक का महत्त्व
दुनिया में प्रत्येक जीव व वस्तु को एक नाम दिया गया है। प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक नाम होता है, उसकी पहचान। इसी तरह से प्रत्येक साहित्यिक कृति का भी अपना एक नाम होता है, उसका शीर्षक। अकसर कहा जाता है...
View Articleमेरी लघुकथा- यात्रा: मधुदीप
चार दशक की लघुकथा-यात्रा को कुछ ही पृष्ठों में समेटना असम्भव नहीं तो दुष्कर अवश्य है। मेरी यह यात्रा दो भागों में बँटी हुई है। इसका पहला भाग 1995 में मेरे लघुकथा-संग्रह ‘मेरी बात तेरी बात’ की भूमिका...
View Articleचश्में का नंबर
पति ने लगातार बड़बड़ाते हुए तीनों रोटियाँ खा ली थीं। हाथ धुलते वक्त भी जब नही रहा गया, तो अपनी भड़ास निकाल ही ली– “आज पचास साल से बिना शिकायत किए तुम्हारी जली रोटियाँ खा रहा हूँ… दिखता न हो तो चश्में का...
View Articleसबसे बड़ी कमाई
रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए, पर वचन न जाई…मानस की चौपाइयाँ गुनगुनाते हुए, अपनी मस्ती में संतोष साइकिल से जा रहा था। सुबह की लाली वातावरण में रस घोल रही थी। तभी सरसराती हुई एक कार उसके पास से निकली।...
View Articleआग
मार्निंग कान्फ्रेंस से निपटकर हाकिम हुक्काम चाय कॉफी की चुस्कियाँ ले चुके थे। जितनी देर इनकी कांन्फ्रेंस चलती, मातहत इधर उधर घूम टहल लेते। एक दूसरे की राजी- खुशी भी जानने का सबसे मुफीद समय। इनके...
View Articleफर्ज़ अदायगी
जीवन के पैंसठ वसंत देख चुके कुमार साहब, जिनकी बातों से फूल झरते थे, वे अब सदा के लिए मुरझा गए थे। वे लेटे थे आँखें मूँदे हुए। कुछ औरतें जोर- जोर से रो रही थीं, जिन्हें पहले तो कभी नहीं देखा, शायद दूर...
View Articleपुस्तकें
3-अनुपयोगी (लघुकथा-संग्रह) -कपिल शास्त्री, प्रकाशन: वनिका पब्लिकेशंस, एन ए-168, गली नंबर-6, विष्णु गार्डन, नई दिल्ली-110018, संस्करण-प्रथम 2024, मूल्य-230 / -पृष्ठ-1124-कठपुतली (लघुकथा-संग्रह) -भगवान...
View Articleघर
मराठी अनुवादः – वसुधा सहस्रबुद्धे लताला या घरात येऊन काही दिवसच झाले होते. ती सुंदर तर होतीच परंतु तिच्या सुशील आणि मृदुभाषी स्वभावामुळे तिने घरातील सगळ्यांची मनं जिंकली होती. लग्नाचे परंपरेनुसार...
View Articleअभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है लघुकथाएँ
लघुकथा आज के समय की सबसे लोकप्रिय विधा है। लघुकथा समाज में फैली विसंगतियों, संवेदनाओं से पाठकों को रूबरू करवाती है। आज पाठक लघुकथा केवल इसलिए नहीं पढ़ते हैं कि वह आकार में छोटी होती है, वरन इसलिए भी...
View Articleदो लघुकथाएँ
गाब्रिएल गार्सिया मार्केस की दो लघुकथाएँ अनुवाद : अश्वनी कुमार एक लगभग पाँच साल एक बच्चा, जिसने मेले की भीड़ में अपनी माँ को खो दिया था, एक पुलिस अधिकारी के पास जाकर पूछता है: ‘क्या आपने ऐसी महिला...
View Articleलघुकथाएँ
1-शांति–मार्ग धोबी का कुत्ता घर का, न घाट का। इस मुहावरे पर बहस हो रही थी। एक ने कहा, ‘‘धोबी के कुत्ते की नियति पर हँसने वाले हम कौन?’’ दूसरे ने कहा, ‘‘हाँ, हम कौन? हम भी तो कुत्ते–से हैं।’’ तीसरे ने...
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