अविराम साहित्यिकी
अविराम साहित्यिकी ( सम्पादक- डॉ.उमेश महादोषी )का जून अंक भगीरथ जी के लघुकथा में योगदान पर केन्द्रित ।
View Articleनशा
उस धनी आदमी को अपने पास जमा शराब के भण्डार पर बहुत नाज़ था। उसके पास बहुत पुरानी शराब से भरा एक जग था, जिसे उसने किसी खास मौके के लिए सम्भाल कर रखा हुआ था। राज्य का गर्वनर उसके यहाँ आया तो उसने सोचा,...
View Articleलघुकथाएँ
1.चक्कर वह राशन कार्ड के लिये तीन महीने से ऑफिस का चक्कर लगा रहा था । जब वह सोमवार को जाता तो पता चलता कि बाबू ‘अ ’आज शिव मंदिर गए हुए हैं । मंगलवार को जाने पर बाबू ‘ ब ’ हनुमान मंदिर जाने के कारण...
View Articleउपाय
‘‘कहाँ हैं साहब?’’ उस ने कार्यालय में घुसते ही बाबू से पूछा। ‘‘अरे भाई ! क्या हुआ? बैठो-बैठो। बताता हूँ।’’ कह कर बाबू ने चपरासी को आवाज दी, ‘‘रतन! पानी लाना।’’ मगर, उसने बोलना जारी रखा,...
View Articleलिहाज़
लिहाज कुमार गौरव छुट्टन पान की दुकान पर सिगरेट फूँक रहे थे कि सामने मदन बाबू छुट्टन के चाचा के साथ आते दिख गए। छुट्टन सिगरेट पीछे छुपा लिए, हालाँकि इस चक्कर में मटियातेल से चलनेवाले...
View Articleनई पुस्तकें
प्रतिनिधि हिन्दी लघुकथाकार : सम्पादक -डॉ राम कुमार घोटड़, पृष्ठ:134, मूल्य:260 रुपये, संस्करण: 2019, प्रकाशक: अयन प्रकाशन,1/20 , महरौली ,नई दिल्ली-110030 -0- लघुकथा संवाद- संयोजक:कल्पना भट्ट,...
View Articleबीज
कश्मीर सिंह अपने बेटे का मैडिकल करवाने सिवल सर्जन के दफ्तर आ पहुँचा था। घर से चलने से पहले, उसने दोस्त सुरजन सिंह को भी संदेशा भेज दिया था और वह भी मिल गया था। कश्मीर सिंह ने अपने...
View Articleलघुकथा विधा का स्वर्णिम युग
समकालीन साहित्य जगत् लघुकथा विधा के लिए स्वर्णिम युग माना जाएगा। लघुकथाओं पर जाने कितने शोध किए जा रहे, लघुकथा की एकल और सम्पादित पुस्तकों का प्रकाशन उत्तरोत्तर वृद्धि की ओर है। विश्व स्तर पर हिन्दी...
View Articleઅંતર /दूरियाँ
(अनुवाद : ख्याति केयूर खारोड ) એ બંનેનાં મકાનો બાજુબાજુમાં જ હતાં. બંનેનાં ઘરોની વચ્ચે એક નાનકડી દીવાલ હતી. બંને પડોશીઓને ઘણો સારો મનમેળ હતો. રોજ પોતપોતાના ફળિયામાં બેસીને એકબીજાની સાથે ખૂબ વાતો કરતા...
View Articleमाँ
बबलू को शरारत करने पर उसकी मम्मी ने दो चाँटे लगा दिए। वह रोता-रोता स्कूल गया। कक्षा में जाकर वह चुपचाप उदास-सा पीछे बैंच पर बैठ गया। मैम जैसे ही क्लास में आई, सभी बच्चे खड़े हो गए। बबलू...
View Articleचालान
‘‘ठहरिए जनाब, आपको थानेदार जी बुला रहे है।’’ अपनी कार की फाटक खोलने के लिए ज्यों ही मैंने रिमोट की दबाई, ट्रॉफिक सिपाही ने मुझे टोका। ‘आपकी कार ‘नो पार्किग’ में खड़ी है, चालान होगा। अपना नाम-पता...
View Articleरचनाकार ऑर्ग लघुकथा लेखन पुरस्कार-2019
1- मार्टिन जॉन डिजिटल स्लेव मेट्रो सिटी में जॉब करने वाले बेटे ने मम्मी- पापा के जर्नी प्रोग्राम के मुताबिक ऑनलाइन ई-टिकट बुक कर उसे पापा के मोबाइल में फॉरवर्ड कर दिया। नियत समय पर मम्मी-पापा मेट्रो...
View Articleरण कौशल के बावजूद
‘रण कौशल के बावजूद’ लघुकथा का पाठ कुलदीप जैऩ द्वारा बरेली गोष्ठी 89 में किया गया था। पढ़ी गई लघुकथाओं पर उपस्थित लघुकथा लेखकों द्वारा तत्काल समीक्षा की गई थी। पूरे कार्यक्रम की रिकार्डिग कर उसे...
View Articleलघुकथाएँ
1-पूर्वाभास ‘‘क्या हुआ!!! तू इतनी डरी हुई क्यों है?’’ ‘‘शायद भैया ने मुझे उसके साथ देख लिया!!!’’ ‘‘तो क्या हुआ?’’ ‘‘बड़े दिनों बाद कल रात फिर पिताजी और...
View Articleलघुकथाओं में कल्पना तत्त्व
लघुकथाओं में कल्पना का उपयोग करना ही पड़ता है–ऐसा कतई नहीं है। लेकिन, किया जाता है–यह भी सत्य है। विदेशी साहित्य–शास्त्रों का जायजा आपने कभी–न–कभी लिया होगा, तो निश्चय ही आप जानते भी होंगे, कि उनके...
View Articleरचनाकार.ऑर्ग द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता
रचनाकार.ऑर्ग द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता 2019 में प्रदत्त पुरस्कार- राशि साहित्य जगत् के लेखकों के मध्य चर्चा का विषय बनी हुई है।जहाँ तक ज्ञात है, एक लघुकथा के लिए 11000/- का पुरस्कार पहली बार...
View Articleपुस्तकें
ज़िन्दगी ज़िन्दगी -[लघुकथा-संग्रह]; हरीश कुमार अमित, मूल्य 250 रुपये, पृष्ठ :128,संस्करण : 16 दिसम्बर 2018,किताबघर प्रकाशन,4855-56/24 अंसारी रोड दरियागंज ,नई दिल्ली -110002 टकराती रेत [ लघुकथा-संग्रह] ;...
View Articleमनःस्थिति
मिकोला और सार्गेइका स्कूल की छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। स्कूल में टीचर ने सार्गेइका से जो प्रश्न पूछे थे, उनका उसने सही जवाब दिया था और सबसे ज्यादा अंक पान पर शाबाशी भी पाई थी, जबकि मिकोला सही जवाब...
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