गाइड
भोजनावाकाश में भी ‘नारी स्वतन्त्रता और सम्मान’ विषय पर कुछ चर्चा चल रही थी । प्रो. शेखर कुमार कुछ बोले जा रहे थे । डायनिंग टेबल पर उनके ठीक सामने बैठी सुन्दर गौरवर्णा शालिनी ने साड़ी का पल्लू कसते...
View Articleमोतियाबिंद
रात को अचानक सात वर्षीय बबलू पता नहीं कैसे बेहोश हो गया। दस बज गए थे। नए शहर में मिश्रा जी को डॉक्टरों के बारे में न जानकारी थी, न ही पास में पैसे। दो माह से तनख्वाह भी तो नहंी मिली थी, पिछले दफ्तर ने...
View Articleविधा की अद्भुत अभिव्यक्ति
आज के बदलते सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में एक जेन्यून रचनाकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है मानवीय संवेदना को क्षरित होने स ेबचाए रखना। आधुनिक हिंदी साहित्य की विकास यात्रा में विगत पच्चीस-तीस वर्षों से...
View Articleपुलिसिए
दस्तावेज ‘पुलिसिए’ लघुकथा का पाठ विनोद कापड़ी द्वारा बरेली गोष्ठी 89 में किया गया था। पढ़ी गई लघुकथाओं पर उपस्थित लघुकथा लेखकों द्वारा तत्काल समीक्षा की गई थी। पूरे कार्यक्रम की रिकार्डिग कर उसे ‘आयोजन’...
View Articleमज़ा
बेटे को गली में पतंग लूटते देख, साहब नाराज हुए। डाँटते हुए बाजार ले गए। पतंग-मांझा दिलाया और नसीहत दी कि ‘अब कभी पतंग लूटने के लिए नहीं भागेगा।” बेटे ने सिर हिलाया।...
View Articleमेरी पसन्द
आज जब अधिकतर लोगों में पठन-पाठन की रुचि का अभाव होता जा रहा है, तब ऐसे में लघुकथाएँ बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं । आकार में छोटी होने के कारण इन्हें पाठक एक ही बैठक में सहजता से पढ़ ले जाता है और...
View Articleबदलाव
गाँव में चलते समय माँ ने हिदायत दी थी कि महानगर में जाकर आवारा न हो जाए। शरीफों की तरह रहे। जिस घर में भी उसका परिचय बढ़े, वहाँ वह दोस्तों की बहनों को अपनी बहनें समझे। नई-नई नौकरी लग जाने पर महानगर...
View Article‘साहित्य आज तक’में लघुकथा पर केन्द्रित सत्र
साहित्य आज तक में एक बड़ी -सी लघुकथा साहित्य आज तक
View Articleपुस्तक
लघुकथा- सप्तक धर्मदीप प्रकाशन 7 /12 ,ए-75 ,श्रीराम कालोनी, निलोठी एक्सटेंशन,नांगलोई, नई दिल्ली -,110041 दूरभाष – 09582969313 मूल्य : 400/- प्रथम संस्करण: 2018 पृष्ठ -128 -०- अंतर्दृष्टि संजय पुरोहित...
View Articleअलाव और चीटियाँ
मैंने एक गला हुआ लट्ठा, बगैर यह ध्यान किए कि इस पर जीवित चीटियाँ हैं, जलते अलाव में फेंक दिया। लट्ठा चटचटाने लगे। चीटियाँ हड़बड़ाकर निराशा से चारों तरफ दौड़ पड़ीं। वे ऊपर की ओर दौड़ीं ,लेकिन लपटों से...
View Articleप्रोफाइल पिक
स्वर ; ॠतु कौशिक सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक कीजिए- प्रोफाइल पिक
View Articleअनबन
‘अनबन’लघुकथा का पाठ डॉ0 महाश्वेता चतुर्वेदी द्वारा बरेली गोष्ठी 89 में किया गया था। पढ़ी गई लघुकथाओं पर उपस्थित लघुकथा लेखकों द्वारा तत्काल समीक्षा की गई थी। पूरे कार्यक्रम की रिकार्डिग कर उसे...
View Articleदृष्टि
अवकाश प्राप्ति के बाद वे अक्सर पुस्तकालय जाकर समय बिताया करते थे। एक दिन पुस्तकालय से लौटते वक्त ऑटोरिक्शा में बैठे ही थे कि अत्याधुनिक कपड़े पहने एक युवती उनके बिल्कुल पास आकर बैठ गई। वे असहज हो उठे।...
View Articleडर
दिल्ली महानगर। भीड़ भरे इलाके के चौराहे पर जब तीन ओर से आ रही बसों से कुचले जाने का प्रयास असफल रहा तो वह बौखला उठा। उसने मौत को एक भद्दी-सी गाली दी। ‘‘हरामजादी! जिसे...
View Articleभारत-नेपाल लघुकथा सम्मेलन
मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट, नारनौल (हरियाणा) द्वारा ‘मनुमुक्त भवन’ में दिनांक 4 नवम्बर,2018 को ‘इंडो-नेपाल लघुकथा-सम्मेलन’ आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री अनिल कौशिक, निदेशक, हरियाणा...
View Articleलघुकथाएँ
1.स्मृति एक बुजुर्ग ट्रेन में सफर कर रहे थे। उनकी अपर बर्थ थी। इस बात से वे थोड़े परेशान थे। उनके दोनों ठेहुनों में दर्द रहता था। उनको ऊपर के बर्थ पर चढ़ने-उतरने में तकलीफ होती थी। सामने एक जवान लड़का...
View Articleउतरन
बेशकीमती जेवर पहने, सुन्दर परिधान में सजी–सँवरी और गरिमामय ढंग से चलते हुए, वह अपना महलनुमा घर मुझे दिखा रही थी। उसके पीछे चलती चकित और संकुचित-सी मैं देख रही थी। एक दर्जन के करीब वे सभी कमरे...
View Articleदृष्टि (सं0ःअशोक जैन) का मानवेतर लघुकथा अंक
दृष्टि (सं0ःअशोक जैन) का मानवेतर लघुकथा अंक
View Articleरचनाकार लघुकथा लेखन पुरस्कार
रचनाकार लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन। रचनाकार.ऑर्ग लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन वर्ष 2019 की सहर्ष घोषणा की जाती है. इस आयोजन में आप सभी आमंत्रित हैं. आइए, सक्रियता से भाग लें और अपनी सृजनात्मकता को नया...
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