स्विच-ऑफ़
एक तो वैसे ही किसी का आना-जाना नहीं, ऊपर से परिवार का लॉक-डाउन में गाँव में फँस जाना। खान साहब के साथ समय बिताने रह गई तो कोरी तन्हाई। रोज़-रोज़ ख़बरों में एक ही दृश्य छाया हुआ था। कतारें, लम्बी...
View ArticleHypnosis
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh The girl was a little sad that day. The boy was aware of this, but he couldn’t understand the reason. They were both sitting on the terrace....
View Articleविस्थापन
“बाबूजी…” एक स्त्री की दीनहीन आवाज ने मेरा ध्यान खींचा था। बेचारी ने पैसेंजर सीट से कचरा निकालकर दरवाजे की तरफ बढ़ा दिया था और काँख से सरकते करीब साल भर के बच्चे को सम्हालने की गरज से जरा और उचका लिया...
View Articleनई पुस्तक
पृष्ठ;191, मूल्यः 400रुपये, अयन प्रकाशन, 1/20,महरौली, नई दिल्ली-110030 , मोबाइल-92113-12372
View Articleझूठा स्वप्न
मैं एक मंदिर परिसर में घूम रहा था. मेरे हाथ में एक बेहद क़ीमती डिजिटल कैमरा था। मंदिर बहुत भव्य था। मैं अपने कैमरे में मंदिर की तस्वीरें उतार रहा था। तभी मैंने देखा, एक छोटा बच्चा मेरे कैमरे को बड़ी...
View Articleनोट और भूख
वो बहुत देर से देख रहा था । सड़क पर लगभग एक साइज के कागज के कुछ टुकड़े पड़े हैं । कुछ-कुछ नोट के आकार के । घर में राशन खत्म हो गया था । पैसे भी खत्म । शायद तीव्र भूख की वजह से उसे भ्रम हो रहा था...
View ArticleThe Stick
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh Chhotelal used to go for morning walk daily. He used to go around two miles to the city limits every morning. There was a small forest outside...
View Articleलघुकथाएँ
1-बेस्ट फ्रेंड वो अपनी धुन में वाशरूम जा रहा था कि गर्ल्स वाशरूम की तरफ नज़र उठ ही गई, लगा कोई गेट की आड़ में खड़ा है। तभी सफेद रंग भी दिख गया, तो वो वाशरूम चला गया। लौटते हुए न चाहते हुए भी नज़र फिर...
View Articleसंरचना-12
संरचना-12: वार्षिक -2019, सम्पादक कमल चोपड़ा, पृष्ठ: 291, मूल्य: 100 सम्पर्क: 1600/114,त्रिनगर , दिल्ली -110035
View Articleपुस्तक
1- मेरी प्रिय लघुकथाएँ ( लघुकथा-संग्रह) : प्रताप सिंह सोढ़ी, पृष्ठ-96, मूल्य 200 रुपये(सज़िल्द); वर्ष-2020,अयन प्रकाशन, 1/20, महरौली नई दिल्ली-110030, सम्पर्क-092113-12372 2-मेरी चुनिदा लघुकथाएँ: डॉ...
View Articleदृष्टि
उस रात जब सब खाना खा चुके और राजू स्वभावानुसार अभी घर नहीं लौटा था, तो एकांत पाकर शीला ने बात शुरू की…”सुनो जी!राजू विवाह करना चाहता है।” “राजू विवाह करना चाहता है?” मनोज ने पुष्टि करनी चाही। “हाँ ।”...
View Article(इतनी दूर)આટલું દૂર!
લેખક : કમલ ચોપડા ગુજરાતી અનુવાદ : ખ્યાતિ કેયૂર ખારોડ [ ख्याति केयूर खारोड ફોન પર મળેલા ખબર સાંભળીને તે એકદમ ઉદાસ થઈ ગઈ. પતિએ ગભરાઈને પૂછ્યું પણ ખરું કે બધું બરાબર તો છે ને? રૂંધાયેલા કંઠે તેણે કહ્યું,...
View Articleप्रेरणा
यमुना के पास एक बूढ़ा संत छोटी सी झोपड़ी में अकेला रहता है। उस झोपड़ी के आगे कच्चा रास्ता है जिस पर पास के गांव के लोग खेतों की तरफ जाते हैं। कोरोना विषाणु के चलते आजकल वह संत नित्य अपनी झोपड़ी में...
View Articleमेरी रचना प्रक्रिया
मेरी रचना प्रक्रिया! लघुकथा के सन्दर्भ में किसी भी विधा की रचना पूर्व नियोजित कम एवं सहज अधिक होती है। सहजता के अन्तर्गत प्रत्येक बार प्रक्रिया एक जैसी ही हो, यह संभव नहीं। सहजता अपने साथ एक निजी...
View Articleकथाशिल्पी सुकेश साहनी की सृजन- संचेतना
सुकेश साहनी प्रख्यात कथाकार हैं। कहानी लेखन के साथ-साथ आपका कार्यक्षेत्र लघुकथा रहा है। लघुकथा जैसी लघुकाय विधा को आपने अपने सृजन से ऊँचाई प्रदान की, वह अपने प्रखर आलोचनात्मक चिंतन-मनन से लघुकथा की...
View Articleचर्चित विधा
लघुकथा आजकल की चर्चित विधा है, जिसमें लेखक कम शब्दों में अपने मन के भावों / विचारों को प्रकट करता है और गहरी बात लिखता है। जिसको पढ़ते ही पाठक का मन चिंतन करने के लिए विवश हो जाए। सामाजिक विसंगतियों...
View Articleविषय ज्ञान
महाशय ‘ब’ स्टेज कारीगरों,मिस्त्रियों और ड्राइवरों के साथ हँस–बोल कर बातचीत करते थे। इन लोगों के साथ बातचीत के दौरान उन्हें अक्सर उन्हें अक्सर ऐसे सवालों का जवाब देना पड़ता था, जिनसे कि अन्यथा उनका...
View Articleগাইড ডা. কবিতা ভট্ট
অনুবাদক : আশা বর্মন লাঞ্চের সময়েও ‘নারী স্বাধীনতা আর সম্মান” নিয়ে আলোচনা হচ্চিল ।প্রফেসর শেখর কুমার কিছু একটা বলছিল |ডাইনিংটেবিলে ওর ঠিক সামনেই একটি সুন্দর ফর্সা মেয়ে শালিনী নিজের শাড়ীর আঁচল...
View Articleअनुताप
शिक्षा विभाग, केरल सरकार कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में सुकेश साहनी की लघुकथा नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक कीजिए-
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