लघुकथाएँ
1 – चुनौती जूनागढ़ रियासत में जबसे वार्षिक गायन प्रतियोगिता की घोषणा हुई थी संगीत प्रेमियों में हलचल मच गई थी। उस्ताद ज़ाकिर खान और पंडित ललित शास्त्री दोनों ही बेजोड़ गायक थे। परन्तु उनमे गहरी...
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1-ईश्वर की खाँसी ईश्वर खाँस रहा है और पृथ्वी हिल रही है। मनुष्य हजारों हजार बरसों से महसूस कर रहा है कि ईश्वर जब भी खाँसता है तो पृथ्वी हिलने लगती है। इधर, ईश्वर लगभग रोज खाँसने...
View Articleयथार्थ की अनूठी कलात्मकता
आज के दौर में कई बार तो ऐसा लगता है कि लंबी कहानियों और उपन्यासों के पाठकों की संख्या भी निरंतर कम हो रही है। दूसरी बात यह भी है कि पाठक को जो रस, आनंद, संवेदना या विचार चाहिए वह लघुकथा में आसानी से...
View Articleनई पुस्तकें
सातवें पन्ने की ख़बरःसन्तोष सुपेकर, पृष्ठः126 मूल्यः300 रुपये, संस्करणः2020 प्रकाशकःअक्षरविन्यास, एफ़-6/3, ॠषिनगर, उज्जैन चलें नीड़ की ओर( लघुकथा संकलन ), सम्पादक : कान्ता रॉय.चंद्रेश कुमार...
View Articleविश्वरंग कैनेडा में –लघुकथा पाठ
’देखन में छोटी लगें’ लघुकथा पाठ और विश्लेषण सत्र कैनेडा को, विश्वरंग भारत- रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का कला और साहित्य का अंतरर्राष्ट्रीय महोत्सव का हिस्सा बनने का सुअवसर 7 और 8 नवम्बर को मिला।...
View Articleलेखकों के लिए पाठशाला
अपनी पसंद पाठकों और लेखकों के लिए पाठशाला सरीखी दो लघुकथाएँ डॉ. शैलजा सक्सेना लघुकथा के आकार-प्रकार, शिल्प और भाव विधान को लेकर अनेक लेख लिखे जा चुके हैं। कहानी और उपन्यास की तरह ही लघुकथा भी गद्य...
View Articleहिन्दी प्रचारिणी सभा कैनेडा द्वारा आयोजित लघुकथा-प्रतियोगिता का परिणाम.
लघुकथा आयोजन 2021, हिन्दी प्रचारिणी सभा कैनेडा की ओर से आयोजित लघुकथा-प्रतियोगिता परिणाम निम्नवत् है- प्रथम पुरस्कार:1-डॉ सुषमा गुप्ता–अतीत में खोई हुई वर्तमान की चिट्ठियाँ( 5 हज़ार रुपये) 2-राम करन...
View Articleमौसम
गोपाल जैसा साधारण किसान का लड़का अपने दोस्तों के साथ यदि पिकनिक पर न जाए तो किसी को क्या…..लेकिन उसकी सुरीली आवाज को कोई न छोड़ना चाहता था, इसलिए सबने आग्रह पूर्वक उसे चलने के लिए कर ही...
View Articleप्रेमवती की चिट्ठी
बैरक में घुसते ही प्रकाश ने बैल्ट कमर से खींचकर खूँटी पर लटका दी। बिस्तर के साथ पड़ी कुर्सी पसर बैठते हुए वह तकिए के नीचे से चिट्ठी निकालकर पढ़ने लगा….मुन्नी के पापा, हम सब यहाँ ठीक–ठाक हैं। आप वहाँ...
View Articleटोकरीवाली पीठ
टोकरीवाली पीठ जब आप किसी उपनगरीय बस में सवार हों और किसी चीज के सख्त किनारों से आपके सीने या पीठ पर दर्दनाक धक्का लगे, कृप्या गाली न दें, बल्कि खपच्चियों से गूँथकर बनी उस टोकरी के खुल मुँह पर भरपूर नजर...
View Articleलघुकथा समीक्षा में अभिनव प्रयोग-तीन :
विश्लेषण : आइसबर्ग आइसबर्ग की विशेषता है कि वह जितना ऊपर दिखाई देता है उससे कही गुना पानी में डूबा रहता है. कथा में जितना कहा गया है उससेअधिक अनकहा छोड़ दिया है या कहें सत्य जितना सतह पर दिखाई देता है...
View Articleवर्तमान लघुकथा लेखन और पुरस्कृत लघुकथाएँ
इस अंक में पुरस्कृत लघुकथाओं के प्रकाशन के साथ ही कथादेश अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता का बारहवाँ आयोजन संपन्न हो गया है और अगले यानी तेरहवें आयोजन की घोषणा अगले अंक में हो जाएगी। यह नए-पुराने...
View Articleकथा समय : दस्तावेजी लघुकथाएँ
श्री अशोक भाटिया द्वारा संपादित दस्तावेजी लघुकथा -संग्रह में कुल 7 लघुकथाकारों की कुल 173 लघुकथाएँ संकलित हैं । प्रत्येक लेखक ने लघुकथा के स्वरूप तथा अपने लेखन के प्रयोजन से संबंधित संक्षिप्त सा...
View Articleکٹے ہوئے پنکھ -कटे हुए पंख
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ رامیشور کامبوج ہمانشو तर्ज़ुमा;राशिद अमीन नदवी – ترجمہ:راشد امین ندوی ایک بے لگام بادشاہ کو. مرتے وقت اس کے باپ نے کہا تھا“بیٹا رعایا شیر ہوتی...
View Articleسنسکار-संस्कार
डॉ ऊषा लाल ڈاکٹر اُوشا لال ترجمہ:راشد امین ندوی अनुवाद -राशिद अमीन نئے سال کے موقع پر ِکٹی پارٹی کے انعقاد میں ہم ایسا تھیم رکھیں گے جو ہم سب کے لئے فائدہ مند ہو، کافی غور و...
View Articleकम शब्दों में बड़ी बात
‘लघुकथा कम शब्दों में बड़ी बात कहती है…।’क्षण विशेष की रचना है….।’लघुकथा में कथा तत्व के साथ शिल्प, कथानक, शीर्षक तथा कसावट आदि प्रमुख तत्व है…लघुकथा विसंगतियों पर प्रहार करे…. सबसे पहले मुझे अपने...
View Articleसंतुलन
वह दूर क्षितिज में झांक रहा है। उसे वर्षों पूर्व की गयी अपनी एक खोज याद आ रही है। उस खोज ने उसे अभूतपूर्व प्रसिद्धि दिलवाई थी। उसने विज्ञान जगत में धूम मचा दी थी। चारों ओर से फोन आ रहे थे। पत्रकार उससे...
View Articleरोटी
रोज की तरह कुसुम और मयंक रात को जब गेट के बाहर रोटी रख रहे थे,तमी एक सज्जन ने उन्हें आवाज़ लगाई और पास आकर कहा- ‘मैं अपके सामने रहता हूँ। आप अब रोटी यहाँ मत रखा कीजिए। आप की रोटी खाने वाला लड़का अब...
View Articleमनचला
ट्रेन अभी फतेहपुर से छूटी ही थी कि एक पचीस-छब्बीस वर्षीय नवयुवक ने हाँफते हुए अन्दर प्रवेश किया। वह गेट पर ही कुछ पलों के लिए ठिठका और इधर-उधर नज़रें दौड़ने के पश्चात् समीप की ही एक सीट, जिस पर तीन...
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