सार्थक संदेश
अल्प शब्दों में स्थूल/ सूक्ष्म भाव को सम्प्रेषित करना लघुकथा की संपूर्णता है। यहाँ शब्दों का उत्तम एवं सटीक चयन भाषा की सरलता एवं संदेश की सूक्ष्मता में एक सुदृढ़ प्राथमिकता होती है। लघुकथा की विशेषता...
View Articleनई पुस्तकें
कथाकार कमल चोपड़ा की सृजन संवेदना (आलोचना) : भगीरथ परिहार, प्रकाशक : अयन प्रकाशन, जे-19/39,राजापुरी ,उत्तम नगर , नई दिल्ली-110059,संस्करण -प्रथम 2022,मूल्य:550/- पेज :224 लघुकथा विवेचना और आलोचना: भगीरथ...
View Articleलघुकथा और भाषिक प्रयोग
भाषा मनुष्य का आत्मिक स्वरूप है, जिसके बिना उसके अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती।भाव , विचार , चिन्तन , कल्पना सबकी उड़ान भाषा से ही सम्भव है।इन सबकी अभिव्यक्ति ही उसे सामाजिक प्राणी बनाती है।...
View Articleचिप
चिप लघुकथा [लघुकथाकार-मीनू खरे, वाचनः ॠतु कौशिक] सुनने के लिए निम्नलिखित लिंक को क्लिक कीजिए- चिप
View Articleसोच
बहुत लम्बा जाम लगा था। देखते ही देखते उनकी कार के पीछे भी कई गाड़ियॉं आ कर खड़ी हो गईं, जिसके कारण अब लौटना भी संभव नहीं था। आफिस से लौटने के बाद वर्मा जी पत्नी के साथ अपने एक पारिवारिक मित्र सक्सेना जी...
View Articleसफाई
अनुवाद : सुकेश साहनी दार्शनिक ने गली के सफाईकर्मी से कहा, ‘‘मुझे तुम पर दया आती है, तुम्हारा काम बहुत ही गंदा है।’’ मेहतर ने कहा, ‘‘शुक्रिया जनाब, लेकिन आप क्या करते हैं?’’ प्रत्युत्तर में दार्शनिक ने...
View Articleनिशानी
सात आठ दिन ऊपर हो गए थे। वह माँ बनने वाली है, जब वह यह खबर अपने पति को देगी तो वह भी खुशी से झूम उठेगा। लेकिन यह ‘गुड-न्यूज’ वह अपने पति को दे तो कैसे? वह तो हस्पताल के आई.सी.यू. में बेहोश और बेसुध पड़ा...
View Articleबीमार / ਬਿਮਾਰ
ਪੰਜਾਬੀ ਅਨੁਵਾਦ: ਜਗਦੀਸ਼ ਰਾਏ ਕੁਲਰੀਆਂ / पंजाबी अनुवाद : जगदीश राय कुलरियाँ “ਚੱਲ ਪੜ੍ਹ।” ਤਿੰਨ ਸਾਲਾਂ ਦੀ ਬੱਚੀ ਕਿਤਾਬ ਖੋਲ੍ਹ ਕੇ ਪੜ੍ਹਨ ਲੱਗੀ, “ਅ ਤੋਂ ਅਨਾਲ … ਏ ਤੋਂ ਇਮਲੀ …. “ ਇਕਦਮ ਉਹਨੇ ਪੁੱਛਿਆ, “ਪਾਪਾ, ਏਹ ਅਨਾਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ...
View ArticleHunger
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh He was running with full vigour. When he stopped, he found himself in a big city. Despite crying so many times, no one had...
View ArticleDarkness
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh “Mother, be careful; there is a pit!” “Now my eyesight is getting worse; I can’t see it.” “I am with you, Mother; come on, hold my...
View Articleदो शब्द
मेघा राठी “कब तक इस सीलन और अंधेरे में बन्द रखोगी मुझे? मेरा क्या कुसूर है सुनन्दा?”, अँधेरे कोने में रखे एक बक्से से रोज की तरह आवाजें आ रही थीं जिसे सुनकर भी सुनन्दा अनसुना करते हुए यंत्रवत् अपने...
View Articleघनी छाँव
महानगर की रेलमपेल । चारों ओर कंक्रीट का जंगल , कहीं कोई जान पहचान नहीं। जो जानते हैं , वे भी अपने आप में इतने अस्तव्यस्त कि शायद ही कभी दुआ सलाम होती हो । नवीन को इस शहर में आए दस साल होने को हैं ।...
View Articleचेक
मैं अपनी प्रिय मित्र श्रद्धादेवी के घर उनकी मौत की मातमपुर्सी करने गई थी । उनके पतिदेव बहुत हो रहे थे । बार-बार उनको याद करके उनकी आँखें भर आती थीं । उनकी विद्वत्ता ,संसार की असारता और वैराग्य की बहुत...
View Articleसुपरस्टार
जब वे सुपरस्टार थे, लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते थे। उनके कपड़े, हेयर स्टाइल, उनकी हर अदा की दीवानी थी पब्लिक। बगल में से कभी निकल जाएँ, तो धन्य हो जाते थे लोग..। छूना तो स्वप्न था। देखना भी...
View Article‘सलाम दिल्ली’ का समीक्षात्मक अध्ययन
‘हिंदी-लघुकथा-जगत् में अनेक रचनाकारों ने अपनी क़लम चलाई है और इस विधा की विकास-यात्रा में अपना-अपना नाम दर्ज करवाया है। आधुनिक हिंदी-लघुकथा के लेखकों में अशोक लव भी पांक्तेय हैं। लघुकथा ही एक मात्र ऐसी...
View Articleलघुकथाओं में प्रभाव की एकता
साहित्यिक रुचि वाले पाठक स्वयं लेखक या समीक्षक भी हो सकते हैं और यह भी हो सकता है कि वे लेखन की बजाय केवल पढ़ने में ही आनंद लेते हों। अधिकतर बार व्यक्ति वही साहित्य पढ़ता है जिसमें उसकी रुचि होती है।...
View Articleचर्चा
1-(अप्रैल-जून 2022 अंक, डॉ. बलराम अग्रवाल के लघुकथा-योगदान पर केन्द्रित) 49. Aviram Sahityiki April-June 2022 XPS pdf creator उपर्युक्त लिन्क से पूरा अंक डाउनलोड किया जा सकता है। 2 मिन्नी तैमासिक(...
View Articleज़िन्दगी भर
(अनुवाद :सुकेश साहनी) पूर्णिमा का चाँद जैसे ही अपनी खूबसूरती के साथ उस शहर पर उगा, सभी कुत्ते उसकी ओर देखकर भौंकने लगे। केवल एक कुत्ता नहीं भौंका और गंभीर आवाज़ में दूसरे कुत्तों से बोला, “चाँद की नींद...
View Article‘तीसरी आँख’का महत्त्व दर्शाती लघुकथाएँ
शिक्षा, पढ़ाई, विद्या एक ही भावार्थ से प्रयोग होते हैं। विद्या का महत्त्व क्या है, इस के बारे में हमारी संस्कृति सभ्यता में बहुत कुछ लिखा / कहा गया है। मानव समाज की स्थापना से लेकर गुरुकुल की परम्परा के...
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